JASHPUR. तपकरा रेंज के गांव में 16 अक्टूबर (रविवार) की तड़के 11 केवी के करंट के झटके से बेहोश हुआ हाथी एक दिन बाद आखिरकार उठ गया। इसके लिए उसे चार दर्जन यानी 48 केले खाने को दिए गए थे साथ ही 40 जीवन रक्षक और शक्तिवर्धक टेबलेट खिलाए गए। जब हाथी उठा तो पास में ही रखे पानी के टैंकर को अपनी सूंड में लपेटकर गिरा दिया। इसके बाद वह जंगल की ओर चला गया।
अपने दल से बिछड़ गया था हाथी
आपको बता दें कि ये हाथी अपने दल से बिछड़ गया था और आबादी की ओर प्रवेश कर रहा था। रास्ते में वह 11 केवी करंट के तार के संपर्क में आ गया और वहीं पर गिरकर बेहोश हो गया था। इसकी सूचना आसपास के लोगों ने वन विभाग को दी। फिर बेहोशी की हालत में लेटे हाथी को सामान्य अवस्था में लाने के लिए वन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने कोशिश शुरू की। पशु चिकित्सक डॉ. सुधीर मिंज का कहना है कि झटका लगने से हाथी शुरू में तो बेहोश हो गया था, लेकिन बाद में होश आने के बाद भी उसका दिमाग और शरीर सुन्न हो गया था। इसके चलते वह हिलडुल भी नहीं पा रहा था। तब उसकी जान बचाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाना था, ताकि उसे डिहाईड्रेशन न हो। टैंकर के जरिए उस तक पानी पहुंचाया गया। साथ ही खाने को चार दर्जन केले, केले के तने और पत्ते दिए गए ताकि उनके जरिए भी पानी की आपूर्ति हो।
दर्दनिवारक दवा ने भी दिखाया असर
इस दौरान हाथी को राहत देने के लिए ईविल के 40 टेबलेट भी बारी-बारी से खिलाए गए। इससे उसे दर्द में राहत मिली। शरीर में पानी की कमी दूर होने और ठंडक पाने पर वो 14 घंटे बाद खड़ा हुआ और फिर अपनी ताकत का नमूना भी पेश किया। उसे पिलाने के लिए जो पानी का टैंकर लाया गया था, उसे ही उसने अपनी सूंड से लपेटकर पलट दिया। इस बीच जैसे ही हाथी को खड़े होते देखा गया, टीम के सदस्य सुरक्षित दूरी बनाकर उसकी गतिविधियों को देख रहे थे। फिर कुछ देर में वह घने जंगल में दाखिल हो गया।