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KANKER: भारी बारिश के चलते बस्तर संभाग (bastar division) के ग्रामीण अंचलों की रोंगटे खड़ी करने वाली निकल कर सामने आ रही हैं। जिसमें साफ नजर आ रहा है कि काम की खातिर ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। न सिर्फ इतना बल्कि स्कूली छात्र छात्राओं को भी इस बारिश मेंकई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कमर तक पानी, कंधे पर बैग
कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक से भी ऐसी एक तस्वीर निकल कर सामने आई है। जिसमें स्कूली बच्चे गांव में पुल नहीं बनने की वजह से काफी परेशान हैं। स्कूल जाने के लिए उन्हें कमर तक की उफनते नदी को पार करना पड़ता है। जिले के अंतागढ़ ब्लॉक के सरंडी गांव का ये हाल है। इसके अलावा जहां बारिश की वजह से यहां के करीब 6 से 7 गांव टापू बन गए हैं। सरंडी गांव के स्कूल पारा और ऊपर पारा की बीच है चौड़ी नदी। इस नदी पर पुल नहीं बन पाने से, बारिश के मौसम में कक्षा पहली से लेकर 10वीं तक पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को पूरे बरसात के महीने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पानी बढ़ने पर होती है छुट्टी
सरंडी गांव के ग्रामीणों के मुताबिक भारी बारिश होने पर नदी में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। जिसके बाद स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है। जब पानी का बहाव कम हो जाता है तब ही छात्र-छात्राएं स्कूल तक पहुंच पाते हैं। सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं स्कूल के शिक्षकों को भी ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बच्चों ने जानकारी दी कि बरसात के मौसम में महीने में केवल 15 से 20 दिन ही स्कूल लग पाता है। बाकी समय जब अधिक बारिश होने की वजह से नदी उफान पर होती है तब स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है। जब नदी का पानी उनके कमर तक रहता है तब ही वह नदी को पार कर स्कूल जाते हैं। जब बच्चे स्कूल जाते हैं तब उनके माता पिता को के मन में डर सा बना रहता है कि कहीं बच्चे इस नदी में बह ना जाए।