Raipur। नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कुछ ही घंटे में नाम सार्वजनिक हो जाएगा।लेकिन जिन दो नाम पर मंथन सर्वाधिक है वह है नारायण चंदेल और शिवरतन शर्मा। इनमें भी नारायण चंदेल को लेकर भीतरखाने सबसे ज़्यादा चर्चाएँ हैं कि, उस नाम पर मुहर लगनी तय है।
लेकिन यदि ऐसा हुआ तो संतुलन कैसे सधेगा
यदि यह मान लिया जाए कि, नारायण चंदेल ही नेता प्रतिपक्ष होंगे तो फिर संतुलन का सवाल खड़ा हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष पद पर पिछड़ा वर्ग से अरुण साव लाए गए हैं, और बिलासपुर संभाग से हैं, जिन नारायण चंदेल की चर्चा है वे भी पिछड़ा वर्ग से हैं और उनका भी क्षेत्र बिलासपुर संभाग है। यदि नारायण चंदेल का नाम ही अंतिम रुप से सामने आता है तो सवाल उठेगा कि, संतुलन किधर है। संतुलन का सवाल क्षेत्रीयता के साथ साथ जातिगत समीकरण पर भी उठेगा।
सवाल यह भी उठेगा कि, यदि दोनों ही पद पिछड़ा वर्ग से मनोनीत करना था तो धरमलाल कौशिक को हटाने के कारण क्या थे, क्योंकि जो क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण नारायण चंदेल के पास है वही धरमलाल कौशिक के पास भी है।
क़रीब 1 बजे घोषित हो जाएगा नाम
भीतरखाने यह सूचना है कि, केंद्रीय नेतृत्व नाम तय कर चुका है, जिसे लेकर अब से कुछ देर बाद प्रदेश संगठन प्रभारी डी पुरंदेश्वरी रायपुर पहुँच रही हैं। और यह नाम नारायण चंदेल या कि शिवरतन शर्मा का हो सकता है। लेकिन यह केवल क़यास हैं, अंतिम निर्णय एक बजे विधायक दल की बैठक में ही होगा और तब ही नाम सार्वजनिक होगा। चर्चाओं में एक नाम खुद डॉ रमन सिंह का भी है, जिनके बेहद विश्वासपात्र धरमलाल कौशिक थे,वही कौशिक जिनकी जगह नया चेहरा लाए जाने की कवायद है।जबकि एक और नाम अजय चंद्राकर का है, जिनके तीखे तेवर सदन में कांग्रेस को हलाकान किए रहते हैं।
लेकिन यह बीजेपी है जहां अंतिम निर्णय के सार्वजनिक होते तक कुछ भी सही शत प्रतिशत मान लेना बहुत बार गलत साबित होता है,इसलिए विधायक दल की बैठक के बाद होने वाले निर्णय का इंतजार करना होगा।