GARIABAND: छत्तीसगढ़ में वन्यप्राणियों की सुरक्षा करने में वन अमला नाकाम सा नजर आने लगा है। वन्यप्राणियों के कभी शिकार तो कभी तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वन विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाएं कि गरियाबंद जिले में फिर एक बार तेंदुए का शव मिला है। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हालांकि भी तेंदुए की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद होने की आशंका जताई जा रही है। मौत की असली वजह क्या है, ये पीएम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा। आपको बता दें गरियाबंद जिले में 8 महीनों में तेंदुए का शव मिलने की यह चौथी घटना है।
वन रक्षक ने देखा शव
जानकारी के अनुसार परसूली के सोहागपुर जंगल में मंगलवार देर शाम एक तेंदुए का शव मिला है। वन रक्षक चंद्रभान देखमुख ने सबसे पहले इस शव को देखा। इस बात की सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक कुमार भट्ट सहित वन विभाग के और भी कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे। वन विभाग के अधिकारियों ने सबसे पहले शव का पंचनामा किया। पंचनामा में तेंदुए के शव के सभी अंग सलामत मिले। जिसके बाद अफसरों ने आशंका जताई कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद तेंदुए की मौत हुई होगी। तेंदुए का शव पोस्टमार्टम के लिए परिक्षेत्र कार्यालय भेजा गया। अब पीएम रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि उसी के बाद मौत की असल वजह पता चल सकेगी।
आठ माह में चौथा शव
गरियाबंद जिले में स्थित जंगलों में वन्य प्राणियों के शिकार और मौत का मामला अब तक थमता नहीं दिख रहा है। इससे पहले 28 फरवरी को गरियाबंद जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर ग्राम भिलाई में तेंदुए का शव मिला था। तेंदुए का शव 24 घंटे पुराना था। वहीं 7 जून को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के दक्षिण उदंती क्षेत्र के जंगल में 5 वर्षीय एक नर तेंदुए का शव बरामद किया था। तेंदुए की मौत की जानकारी 4 दिन बाद वन विभाग को मिली। गरियाबंद जिले में 8 महीनों में तेंदुए का शव मिलने की यह चौथी घटना बताई जा रही है।