Raipur। जी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन के खिलाफ स्थानीय सिविल लाइन थाने में दर्ज अपराध के मसले पर गिरफ्तार करने छत्तीसगढ़ पुलिस ग़ाज़ियाबाद पहुँच गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस के एंकर रोहित रंजन के घर पहुँचते ही हंगामा बरप गया है। एंकर रंजीत रंजन पर आरोप है कि राहुल गांधी के वायनाड में दिए बयान को ग़लत परिप्रेक्ष्य के साथ उन्होंने प्रस्तुत किया है।पंक्तियों के लिखे जाने तक रोहित रंजन को लाए जाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस डटी हुई है।
दस धाराओं में FIR
रायपुर सिविल लाइन थाने में अपराध क्रमांक 415/22 के तहत बीते 3 जुलाई को एंकर रोहित रंजन के खिलाफ विधायक देवेंद्र यादव की ओर से पेश शिकायत पर धारा
153-A, 295-A, 504, 505(1)(b), 505(1)(c), 505(2), 120B, 467, 469, 471 भा द वि का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
क्या है ये धाराएँ
धारा 153A,295A की धाराएँ तब प्रभावी होती हैं जबकि धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश हो,धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।जबकि धारा 295 A तब प्रभावी होती है, जबकि कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करता है या इससे संबंधित वक्तव्य देता है।जबकि धारा 467, 469 और धारा 471 ठगी और दस्तावेज की कूटरचना के मामले में प्रयोग की जाने वाली धाराएँ हैं।जबकि 504, 505(1)(b), 505(1)(c), 505(2) उस समय प्रयोग में लाई जाती हैं जबकि किसी वाक्य या व्यक्तव्य से जनता में या कि किसी समूह को राज्य के खिलाफ भड़काने के तथ्य पाए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस के 11 अधिकारी मौजूद
ग़ाज़ियाबाद में छत्तीसगढ़ पुलिस के 11 सदस्य एंकर रंजीत रंजन को गिरफ्तार करने ग़ाज़ियाबाद गए हैं। जिनमें 1 सीएसपी 2 टी आई और 8 आरक्षक शामिल हैं।
ट्विट पर भी संग्राम
जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर रोहित रंजन के घर पहुँची तो रोहित रंजन ने ट्विट कर लिखा
“बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है,क्या ये क़ानूनन सही है”
इसके ठीक नीचे छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने जवाब में लिखा
“सूचित करने के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है। फिर भी, अब उन्हें सूचित किया जाता है। पुलिस टीम ने आपको कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट दिखाया है। आपको वास्तव में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल होना चाहिए और अपना बचाव अदालत में रखना चाहिए।”