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Raipur। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव अरण्य को लेकर अशासकीय संकल्प पारित किया है, जिसमें उल्लेखित है कि, केंद्र सरकार हसदेव क्षेत्र में आबंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द किए जाएँ। छजका के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह यह प्रस्ताव लाए और उन्होंने सत्ता पक्ष को चेताते हुए कहा कि, इसे केंद्र और राज्य के बीच का विषय मत बनाइए।यह छत्तीसगढ़ की ज़िंदगी का, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के जीवन मरण का प्रश्न है विषय है।
खदान खुली तो धूल धुआँ धक्का और अपमान के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा
छजका( जोगी) के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने हसदेव अरण्य में खनन से होने वाले नुक़सान को बताते हुए सरकारी आँकड़ों में दर्ज ब्यौरे को सदन को बताया। धर्मजीत सिंह ने कहा
“कटघोरा वन मंडल ने बताया है,101 प्रकार के बड़े झाड़ कटेंगे।झाड़ी 45 प्रकार के,लताएँ 28 प्रकार की,बांस 4 प्रकार के,घास 28 प्रकार के, वन्य प्राणी 25 प्रकार के, मछलियाँ 22 प्रकार की,मगर 1 प्रकार का और पक्षी 99 प्रकार के तबाह हो जाएँगे।” धर्मजीत सिंह ने सदन के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर देखते हुए कहा
“आपने पेड़ कटाई की अनुमति दी,आपने वायु प्रदूषण के अधिनियम के तहत खदान चलाने की अनुमति दी,जल प्रदूषण अधिनियम के तहत खदान चलाने की अनुमति भी आपने दी। पर्यावरण की अनुमति है, वन अनुमति की सहमति है।भूमि अधिग्रहण राज्य और केंद्र मिलकर कर रहे हैं।”
धर्मजीत सिंह ने कहा
“सब तबाही के आँकड़ों में आने वाला है,आज जो खूबसूरत वादी दिख रही है, अगर ये खदान खुलेगा तो वहाँ पर सिवाय धूल, धक्का, धुआँ और अपमान के कुछ नहीं मिलेगा।वहाँ के आदिवासियों का अता पता भी नहीं रहेगा।”
सरकारी दावे पर भड़के धर्मजीत, बोले - मेरी बात ग़लत निकले तो वहीं गोली मार देना
धर्मजीत सिंह ने वृक्षारोपण के उन सरकारी दावों का ज़िक्र किया जिसे भूपेश सरकार अक्सर कहते हुए पर्यावरणीय नुक़सान को ख़ारिज करती है।MLA धर्मजीत ने सत्ता पक्ष से कहा
“कल ही जवाब में बताया गया है, केते और परसा में 99 हज़ार पेड़ कटेंगे और कुल मिलाकर 3 लाख 22 हज़ार।आपने उसमें लिखा है,वहाँ पर वृक्षारोपण होगा।केते एक्सटेंशन में आप चलिए न,सू-बबूल के अलावा अगर एक भी झाड़ लगा होगा तो मैं पहाड़ पर खड़ा होउंगा, आप गोली मार देना”। धर्मजीत सिंह ने कहा
“क्या लफ़्फ़ाज़ी है,उनकी इस तरह की बातों को सुनकर आप विधानसभा में जवाब देते हैं, यह ग़लत है, बिल्कुल ग़लत है।हमारी संपदा बहुत मुश्किल से बनी है, इसको बचाईए। आप ज़िम्मेदारी के पद पर हैं, आने वाला कल इस सदन में बैठे हुए किसी भी सदस्य को माफ़ नहीं करेगा। अगर वहाँ पर मैदान बना, लाखों पेड़ कटे, अगर अटेम नदी और गेज नदी का जल स्तर जो वहाँ से हसदेव में आ रहा है, अगर हसदेव का पानी रुका तो यह मानकर चलिए कि,पचासों विधानसभा क्षेत्र में तबाही मचेगी और यह अभिशाप और कलंक हमारे उपर लगेगा।”
संकल्प प्रस्तुत होने के बाद जबकि इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, यह हमारे कार्यक्षेत्र के बाहर है, कोयला आबंटन भारत सरकार ही करती है।बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा
“केंद्र सरकार के क्षेत्र में है, ठीक है।आपको कोई आक्षेप नहीं है, लेकिन यदि केंद्र सरकार कहती हैं तो आप सब एनओसी रद्द कर दीजिए।आप यह कह दीजिए कि सब एनओसी रद्द करते है, फिर हम इस संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर देंगे।आप एनओसी रद्द करने की घोषणा कर दीजिए।”
इस पर जवाब देते हुए सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि, कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं, कि इस में राज्य सरकार कुछ करती है, क्योंकि अभी जो FDR एक्ट है,उसमें और भी कोई अधिकार नहीं है। सीएम बघेल ने इसके बाद शासन की ओर से व्यक्तव्य पढ़ा, जिसमें उन्होंने यह स्वीकारा कि,हसदेव अरण्य क्षेत्र मिनीमाता बांगो डेम जल ग्रहण क्षेत्र है।इससे कृषि क्षेत्र में सिंचाई के साथ साथ कोरबा रायगढ जांजगीर बिलासपुर को पानी आपूर्ति होती है। लेकिन उन्होंने इस व्यक्तव्य में यह ख़ारिज किया कि,इस इलाक़े में कोयला खनन से वनों का विनाश,बांध के जल ग्रहण क्षमता पर विपरीत असर से मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा।मुख्यमंत्री बघेल ने जो शासकीय व्यक्तव्य पढ़ा उसकी अंतिम पंक्तियों में लिखा गया है
“यह तथ्य है कि वर्तमान समय में उर्जा उत्पादन का मुख्य स्त्रोत थर्मल पॉवर प्लांट है, जिसके लिए कच्चा माल के रुप में मुख्य सामग्री कोयला है। तथापि जन भावनाओं को देखते हुए हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों की आबंटन संचालन के संबंध में प्रस्तुत अशासकीय संकल्प का सरकार समर्थन करती है।”
मुख्यमंत्री बघेल के द्वारा इस शासकीय व्यक्तव्य को पढ़ने के ठीक बाद बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत से कहा
“माननीय अध्यक्ष जी, हम यह संकल्प सर्वसम्मति से पारित करते हैं”
इस के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा में केंद्र सरकार को यह अनुरोध कि, हसदेव क्षेत्र में आबंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द किए जाएँ, सर्वसम्मति से पारित हो गया।