Bijapur। बीते 11 अगस्त को बीजापुर ज़िला मुख्यालय में निवासरत गोपनीय सैनिक पोटाम लक्ष्मण की हत्या के मामले में नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर उसकी हत्या की जवाबदेही स्वीकारी है। माओवादियों ने उसकी हत्या के लिए सबसे अपनी निचली इकाई पीएलजीए जिसे जनमिलीशिया भी कहा जाता है का ज़िक्र किया है। जबकि इस हत्या को लेकर पुलिस ने इसे पारिवारिक विवाद बताते हुए चचेरे भाई को प्रमुख संदेही बताते हुए उसकी तलाश करने का दावा किया था।
विज्ञप्ति में क्या लिखा गया है
विज्ञप्ति पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव मोहन के नाम से जारी है। इस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि,पोटाम लक्ष्मण 2021 से बस्तर बटालियन में भर्ती था और डीआरजी में शामिल था। माओवादियों ने आरोप लगाया है कि, कोरचोली गाँव का निवासी पोटाम नेंड्रा कोरचोली,तोड़का,सावनार, पालनार,मुनगा,पेद्दाकोरमा,पदेड़ा,रेगड़गट्टा में गश्ती के नाम पर महिलाओं से दुर्व्यवहार और लूट करता था। पीएलजीए ने 11 अगस्त को उसे मारा है।
क्या बोले बीजापुर एसपी
माओवादियों की जो विज्ञप्ति हत्या की जवाबदेही लेती है और तमाम आरोप लगाती है, उस पूरे मसले पर एसपी बीजापुर आंजनेय वैष्णव ने द सूत्र से कहा
“हमारे पास ऐसी कोई विज्ञप्ति नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि कौन क्या कह रहा है। पुलिस अपने गोपनीय सैनिक की हत्या मामले में जाँच कर रही है।”
सच या सोचा समझा झूठ
माओवादियों की विज्ञप्ति के मिलने से पुलिस ने इंकार किया है लेकिन यह कमोबेश इलाक़े के सभी पत्रकारों के पास पहुँच चुकी है। बीजापुर ज़िला मुख्यालय में ही गोपनीय सैनिक की हत्या पुलिस के लिए किरकिरी का सबब है। अब ऐसे में जबकि पुलिस की विवेचना के अनुसार हत्यारोपी या संदेही नजदीकी रिश्तेदार पकड़ाया नहीं हैं, उस बीच में यदि माओवादी हत्या की जवाबदेही ले लेते हैं तो यह पुलिस के लिए और मुश्किल स्थिति है। झूठ माओवादी रणनीति का हिस्सा है, लेकिन यह दावा उस झूठ वाली रणनीति का हिस्सा है या नहीं है, इसके लिए इंतज़ार करना होगा।