Raipur।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जय प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा इसी महीने के आख़िरी पखवाड़े में होना क़रीब क़रीब तय हो गया है। तारीख़ को लेकर अनिश्चितता भी अब क़रीब क़रीब दूर है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सत्रह या बीस अगस्त को एक दिवसीय दौरे पर रायपुर आएँगे।जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 27 अगस्त को रायपुर आ सकते हैं।
नड्डा के आने पर सूबे में फिर अहम बदलाव की आहट, शाह PM मोदी की किताब पर करेंगे चर्चा
खबरें हैं कि, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के आगमन के साथ ही प्रदेश बीजेपी में एक अहम बदलाव होगा। वैसे अधिकृत रुप से राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के दौरे को सांगठनिक दृष्टिकोण से किया जाने वाला दौरा बताया जा रहा है, लेकिन खबरें हैं कि, इस दौरे में ही बीजेपी के भीतर एक बड़ा बदलाव होगा। बीजेपी के शीर्षस्थ नेताओं मोदी और शाह में से एक, गृहमंत्री अमित शाह 27 को रायपुर आ सकते हैं। खबरें हैं कि इस दौरान वे विभिन्न वर्गों के सेमिनार में शामिल होंगे। इनमें चिकित्सा समेत अन्य वर्गों से सलेक्टिव लोग आमंत्रित होंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित किताब को लेकर चर्चा करेंगे।
हालाँकि जबकि अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर होंगे तो यह मानना कि वे केवल किताब और बौद्धिक वर्ग से चर्चा तक सीमित रहेंगे, यह हालात को कमतर होकर आंकना हो सकता है। सूबे में क़रीब सवा साल बाद चुनाव है। उद्योग और उद्योगपतियों के प्रति विशेष झुकाव के लिए पहचाने जाने वाले प्रधानमंत्री मोदी जिनके नेतृत्व में सत्ता पर क़ाबिज़ होने के लिए बीजेपी ने चकित करने वाले मानक स्थापित किए हैं वहाँ यह कैसे माना जाए कि, बीजेपी को छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के लिए कसमसाहट नहीं होगी।वह छत्तीसगढ जो खनिज संसाधनाें की वजह से देश में पृथक स्थान रखता है।
तीसरी और चौथी पंक्ति को आगे लाने की क़वायद भी
बीजेपी के भीतरखाने से खबरें हैं कि, संगठन में व्यापक परिवर्तन होना है। इस परिवर्तन में पंद्रह बरस की सत्ता के सीधे हिस्सेदार रहे शायद कुछ लोग ही इस परिवर्तन से बच पाएँगे। पार्टी संगठन में तीसरी और चौथी पंक्ति को आगे लाने की क़वायद में है। संगठन प्रभारी बनाए गए अजय जांबवाल एक बार रायपुर पहुँच रहे हैं।अभी यह कार्यक्रम दो दिनों का बताया गया है, लेकिन यह लंबा भी हो सकता है। अजय जांबवाल जल्द प्रदेश के दौरे पर भी निकलेंगे, क्योंकि संगठन को फिर से खड़ा करने के लिए नए चेहरों की तलाश का ज़िम्मा भी अजय जांबवाल का ही है।