Raipur। छत्तीसगढ़ सरकार ने सदन में स्वीकार किया है कि, 36 वायदों के घोषणा पत्र में 19 वायदे शत प्रतिशत पूरे नहीं है।जिन वादों पर कुछ भी नहीं हुआ उनकी संख्या 15 है, जबकि चार में आशिंक काम हुआ है। राज्य सरकार ने सदन में दिए जवाब में विस्तृत ब्यौरा दिया है, जिसमें कितने वायदे पूरे हैं और कितने पूरे नहीं है ।राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिखित जवाब में यह भी उल्लेखित है
“शेष वादे कब तक पूरे होंगे इसकी कोई समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है”
शराब बंदी, रोज़गार भत्ता,संपत्ति कर हाफ़ जैसे वायदे पर कोई काम नहीं
राज्य सरकार ने लिखित जवाब में निम्नलिखित घोषणा/वादों के पूरा नहीं होने का ब्यौरा दिया है
“शराब बंदी,बेरोज़गार भत्ता,शहरी क्षेत्र में आवासहीन को 2 कमरे का मकान,होमस्टेड अधिनियम,अनियमित संविदा और दैनिक वेतनभोगी को नियमितिकरण करना और किसी की छँटनी ना करना,सर्व वृद्धा पेंशन और वरिष्ठ नागरिक (75 वर्ष से उपर) तथा सर्व विधवा पेंशन को 1000 रुपए देना,जल संसाधन नीति,सिंचाई शुल्क की माफ़ी,हर ब्लॉक में फ़ूड पार्क,लोकपाल अधिनियम,पत्रकारों वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण के लिए विशेष क़ानून,गांव पारा और टोला जो अन्य किसी मौजूदा योजना में शामिल नहीं किये गए उन्हें ग्राम सड़क योजना से जोड़ना,वाईल्ड लाईफ़ कॉरिडोर,वैज्ञानिक आयोग,पर्यटन मास्टर प्लान और पर्यटन को उद्योग स्वरुप बनाना,राज्य सरकार की नौकरी में आउट सोर्सिंग की पूरी तरह समाप्ति,सरकारी स्कूलों में 9 वीं कक्षा के सभी छात्र छात्राओं को मुफ़्त सायकल देना,कॉलेज और स्कूली छात्र-छात्राओं को मुफ़्त सार्वजनिक परिवहन सुविधा और संपत्ति कर को शहरी इलाक़े में पचास प्रतिशत तक कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्णतः समाप्त किया जाना”
किसानों से जूड़ा यह वायदा भी शत प्रतिशत पूरा नहीं
राज्य सरकार ने विधानसभा में जो बताया है कि, उसके अनुसार घोषणा पत्र में उल्लेखित
“सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, किसानों के दो वर्ष के धान का बकाया बोनस भुगतान किया जाएगा”
यह वायदा भी शत प्रतिशत पूरा नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने लिखित जवाब में बताया है कि, इस घोषणा का एक हिस्सा जिसमें कहा गया था कि, सरकार बनने के दस दिनों के भीतर किसानों का क़र्ज़ा माफ़ किया जाएगा, वह तो पूरा हुआ लेकिन किसानों को दो वर्ष के धान का बकाया बोनस भुगतान किया जाएगा,यह पूरा नहीं हुआ है।