RAIPUR: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (chhattisgarh karmchari adhikari fedration) ने काम बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। जिसके बाद प्रदेश में आम आदमी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि फेडरेशन की इस हड़ताल (strike) में प्रदेश का हर सरकारी कर्मचारी भाग लेगा और दफ्तर में होने वाले कामकाज से खुद को अलग रखेगा। हड़ताल की वजह कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) है। लंबित महंगाई भत्ते को लागू करवाने की मांग के साथ छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद (pen down strike) हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इन 5 दिनों में सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं होगा।
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा का कहना है इस मुद्दे पर रायपुर में एक बैठक रखी गई थी। जिसमें तय हुआ कि महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता को लेकर यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
5000 रु. का नुकसान
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारियों के मुताबिक जल्दी ही महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता लागू कर दिया जाए तो हर कर्मचारी को हर माह 5000 रु. ज्यादा मिलेंगे। इसलिए माना जा सकता है कि सरकारी दफ्तर में काम करने वाले हर कर्मचारी का 5000 रुपए महीने का नुकसान हो रहा है।
टीचर्स भी होंगे शामिल
25 जुलाई से 29 जुलाई तक चलने वाले काम बंद कलम बंद आंदोलन को छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है। जिसके बाद टीचर भी स्कूल नहीं जाएंगे, ऐसे में स्कूलों को एक बार फिर बंद रखने की नौबत भी आ सकती है। हालांकि स्कूल बंद रहेंगे या नहीं इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है।
क्या है मांग?
कर्मचारी नेताओं ने शासन से मांग की है कि केंद्र की तरह महंगाई भत्ता बढ़ाया जाए, सातवें वेतनमान के अनुसार ही भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया जाए। इस आंदोलन में लगभग 75 कर्मचारी संगठन एक साथ आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।