Raipur। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने क़रीब चार घंटे छत्तीसगढ़ में गुज़ारे। इस दौरान उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वे बीजेपी के सांसदों विधायकों से संवाद के लिए निजी हॉटल पहुँची और उसके ठीक बाद भोपाल के लिए रवाना हो गईं। इस दौरान आगमन से लेकर वापसी तक उन्होंने मीडिया से कोई संवाद नहीं किया।
छजकां और बसपा ने दिया समर्थन
राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को छजकां ( जोगी )और बसपा ने समर्थन दे दिया है।छजकां और बसपा दोनों ने ही निजी होटल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मंच से समर्थन की घोषणा की है।
आदिवासी मसले समेत कई प्रश्नों को नहीं मिले उत्तर
एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के ठीक पहले संयुक्त विपक्ष के लिए राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने प्रेस से बातचीत की थी और बहुतेरे विषयों पर राय रखी थी। खुद बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी पृष्ठभूमि के हवाले से कांग्रेस के आदिवासी क्षेत्रों से चुन कर विधायकों से अपील की थी कि वे वोट करें। इस अपील के लिहाज़ से कई प्रश्न थे जो कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से किए जाने थे, जिनमें आदिवासी संस्कृति, वन और आदिवासियों के सदियों के रिश्ते, हसदेव अरण्य जैसे मसले, और हालिया दिनों पारित वन ज़मीन डायवर्शन पर पारित संशोधन जिसे लेकर आरोप लग रहा है कि यह संशोधन अब पेसा एक्ट और वन अधिकार मान्यता क़ानून को प्रभावहीन करता है, इन सब पर उनकी क्या राय है।
छत्तीसगढ़ बीजेपी मीडिया सेल से कई बार दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया ताकि यह जाना जा सके कि, सांसदों और विधायकों की इस बैठक में उन्होंने आदिवासियों से संबंधित मुद्दो पर कुछ कहा या नहीं कहा, लेकिन फ़ोन नहीं उठा। बीजेपी मीडिया सेल को व्हाट्सएप पर ही प्रश्न पूछा गया कि, क्या राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उपरोक्त विषयों पर कोई राय रखी है,इसका जवाब भी समाचार के लिखे जाने तक नहीं आया है।
कांग्रेस के सवालों पर भी बीजेपी का कारआमद जवाब नहीं
कांग्रेस की ओर से AICC सचिव राजेश तिवारी ने कल देर शाम विज्ञप्ति जारी कर केंद्र द्वारा आदिवासी महिला के रुप में द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को मुखौटा लगाने का प्रयास बताया है। राजेश तिवारी जो मुख्यमंत्री बघेल के सलाहकार भी हैं, उन्होंने विज्ञप्ति में लिखा
“भाजपा अपने आदिवासी विरोधी नीति व जंगल को निजी हाथों में बेचने के लिए किए जा रहे षड्यंत्र से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक आदिवासी महिला का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
इस पर बीजेपी ने विधायक शिवरतन शर्मा का वीडियो जारी किया है।जिसमें शिवरतन शर्मा यह सवाल करते दिख रहे हैं कि, शासकीय सेवक होते हुए राजेश तिवारी राजनैतिक प्रश्न कैसे उठा सकते हैं इसका जवाब सीएम बघेल को देना चाहिए।