Raipur। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर शिवरतन शर्मा ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया है। शुक्रवार को इस पर चर्चा करने की माँग बृजमोहन अग्रवाल,अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने की थी,तब सभापति सत्यनारायण शर्मा ने इस पर प्रस्ताव विचाराधीन होने की बात कही थी।क़यास हैं कि कल सदन में यह विषय फिर उठ सकता है।
क्यों है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने विशेषाधिकार भंग की जो सूचना दी है उसके अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिल्ली और रायपुर में प्रदर्शन और दिल्ली में गिरफ़्तारी का ज़िक्र है। अजय चंद्राकर ने इस प्रस्ताव को लेकर कहा
“यदि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति आंदोलन का नेतृत्व करता है,तो फिर क़ानून व्यवस्था देखने वाले क्या करेंगे ? मैंने अख़बारों में पढ़ा कि मुख्यमंत्री जी गिरफ़्तार हो गए थे, मुख्यमंत्री गिरफ़्तार हो गए यह तो संवैधानिक संकट की स्थिति है।उस दिन सरकार यहाँ नहीं थी”
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल इस गिरफ़्तारी के विषय के साथ वह बयान जोड़ते हैं जो कथित रुप से सीएम बघेल ने दिया, और सीएम बघेल के उस कथित बयान को प्रदेश के लिए शर्मसार करने वाला मानते हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“कोई मुख्यमंत्री जी यह कहें कि, हमारा प्रदेश नक्सल प्रदेश है हमारे मुख्यमंत्री जी को पुलिस के लोग हाथ पकड़ कर उठाएँ, उनको धक्का दें तो क्या छत्तीसगढ़ का अपमान नहीं होगा, अगर छत्तीसगढ़ के अपमान के लिए कोई ज़िम्मेदार है,अगर पूरा प्रदेश शर्मसार हुआ है, पूरा छत्तीसगढ़ अपमानित हुआ है तो इसके लिए कोई यदि दोषी है तो भूपेश बघेल जी दोषी हैं।इसलिए यह प्रस्ताव आया है और इसलिए हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो”
आसंदी कह चुकी है - प्रस्ताव विचाराधीन है
इस विषय पर आसंदी ने शुक्रवार को इस विषय पर तत्काल चर्चा कराए जाने की माँग पर यह व्यवस्था दी थी
“प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है, यह विचाराधीन है”