पेगासस मामले (Pegasus Case) पर आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रेस वार्ता की है। उन्होंने कहा कि, पिछले संसद सत्र के दौरान हमने पेगासस का मुद्दा उठाया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इसे राय दी और हम जो कह रहे थे उसका समर्थन किया। हम 3 सवाल पूछ रहे थे- पेगासस को किसने अधिकृत किया?, इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ किया गया और क्या किसी अन्य देश के पास हमारे लोगों की जानकारी तक पहुंच है। हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर विचार करना स्वीकार कर लिया है। हम इस मुद्दे को फिर से संसद में उठाएंगे। हम कोशिश करेंगे कि संसद में बहस हो। मुझे यकीन है कि बीजेपी इस पर बहस करना पसंद नहीं करेगी। पेगासस भारतीय लोकतंत्र को कुचलने का एक प्रयास है। यह एक बड़ा कदम है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वे इस मामले को देखेंगे। मुझे विश्वास है कि हम इससे सच्चाई निकाल लेंगे।
पेगासस, आजादी पर हमला
राहुल गांधी ने कहा, पेगासस का मामला देश के लोकतंत्र पर एक आक्रमण है। संसद में हमने तीन सवाल उठाए थे। हमने पूछा था कि इसे किसने खरीदा था, किस-किस के फोन टैप किए गए थे और किन-किन पर इसका इस्तेमाल हुआ? क्या इसका डाटा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मिल रहा था? एक सूची आई थी जिसमें चीफ जस्टिस, पूर्व प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, भाजपा नेताओं व कई विपक्षी नेताओं के नाम थे।
सच उजागर होकर रहेगा
राहुल गांधी ने कहा, हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले का संज्ञान लिया है। हमें उम्मीद है कि सच अब सामने आएगा। हम इस मामले को दोबारा संसद में उठाएंगे। हमारी कोशिश इस पर संसद में बहस कराने की होगी। हमें पता है कि भाजपा इस पर बहस करना पसंद नहीं करेगी।
पेगासस का डेटा किस देश के पास है?
राहुल गांधी ने सवाल उठाया, क्या पेगासस का डाटा किसी और देश के पास भी है, या सिर्फ भारत सरकार के पास है। इस पर जवाब नहीं मिला तो हमने संसद को रोका। पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा हुआ। हमने तब भी कहा था कि ये हमारे देश व लोकतंत्र पर आक्रमण है।
राहुल ने कहा कि सरकार ने कुछ न कुछ गलत काम जरूर किया है, अन्यथा सरकार इन सवालों का जवाब देना चाहिए। अगर जवाब नहीं दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि कुछ न कुछ छुपाया जा रहा है।