RAIPUR. ठेकेदार के अधीन काम करने वाले मजदूरों तक भी पीएफ का फायदा पहुंचाने के लिए व्यापक जनजागरुकता अभियान शुरु किया गया है। इसके लिए क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय रायपुर की ओर से कई टीमों का गठन किया गया है। इसमें पीएफ कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी कंस्ट्रक्शन साइट पर जा रहे हैं और वहां काम कर रहे श्रमिकों को ईपीएफ स्कीम, पेंशन स्कीम और इंश्योरेंस स्कीम जैसी योजनाओं के बारे में बता कर उन्हें इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इसी कड़ी में मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ कर्मचारी भविष्य निधि आंचलिक कार्यालय भोपाल के अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त पंकज भी 28 अक्टूबर को रायपुर पहुंचे हैं। उन्होंने आज शुक्रवार को रायपुर पीएफ ऑफिस में अलग अलग ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों, और प्रदेश के अलग अलग उद्योगपतियों, कारोबारियों, रियल स्टेट कारोबारियों के साथ बैठक कर इस विषय में चर्चा की।
लेबर तक पीएफ का लाभ पहुंचाना उद्देश्य
पंकज ने कहा कि भारत सरकार का विशेष जोर ठेकेदार के अधीन काम करने वाले कंस्ट्रक्शन लेबर तक पीएफ का लाभ पहुंचाने पर है। इसलिए, पूरे देश में ऐसे जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। हालांकि सभी मजदूरों को विशिष्ट यूएएन नंबर अलॉट किए गए हैं। अब बस जागरुकता की जरुरत है, ताकि उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा का कवर मिल सके।
श्रमिकों का पीएफ जमा करना जरूरी
उन्होंने कहा कि 20 से ज्यादा कर्मचारी होने की दिशा में अनिवार्य रूप से पीएफ काटने और जमा कराने का प्रावधान है। यदि इससे कम श्रमिक रखने वाला ठेकेदार भी किसी ऐसी संस्था के यहां काम करता है, जहां 20 से ज्यादा कर्मचारी हैं, तो उन्हें श्रमिकों का पीएफ जमा कराना ही होगा। प्रिंसिपल एम्प्लॉयर की भी ये जिम्मेदारी बनती है। यदि वो भी इसमें गड़बड़ी करता है तो असेसमेंट के दौरान उन्हें भारी जुर्माना देना पड़ेगा।