Raipur। राज्यसभा के लिए रंजीत रंजन और राजीव शुक्ल निर्वाचित हो गए हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अब से कुछ देर पहले श्रीमती रंजीत रंजन और राजीव शुक्ल को निर्वाचन प्रमाण पत्र दे दिया।ग़ैर छत्तीसगढ़ी होने के मसले को लेकर राज्यसभा प्रत्याशी के रुप में घोषित प्रत्याशियों ने नामांकन के समय यह दावा किया था कि, वे अनवरत छत्तीसगढ़ के संपर्क में रहेंगे और छत्तीसगढ़ की आवाज़ उठाते रहेंगे, लेकिन आज जबकि निर्वाचन का प्रमाण पत्र लेना था,राजीव शुक्ल मौजूद ही नहीं थे, श्रीमती रंजीत रंजन जरुर अनवरत मौजूद रहीं।
निर्विरोध इसलिए मतदान की जरुरत ही नहीं
विधानसभा के भीतर दलीय स्थिति में कांग्रेस छोड़ किसी दल की यह स्थिति ही नहीं थी कि चुनौती पेश करता। छजकां ने जरुर नामांकन दाखिल कर चुनौती देनी चाही लेकिन स्कूटनी के दौरान वह आवेदन भी पर्याप्त प्रस्तावकों के अभाव में ख़ारिज हो गया, हालाँकि अमित जोगी ने नामांकन ख़ारिज किए जाने को ग़लत बताते हुए क़ानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। बहरहाल चुंकि केवल कांग्रेस से नामांकन दाखिल किए गए थे इसलिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
निर्वाचन का प्रमाण पत्र लेने नहीं पहुँचे शुक्ल
राज्यसभा में कांग्रेस के प्रत्याशियों की जब सूची घोषित हुई तो छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मच गया। छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढियावाद की पताका थामने और उसे खूब उंचा लहराने फहराने वाले अब तक के इकलौते मुख्यमंत्री बघेल के रुप में खूब प्रचारित किए गए अभियान को इस राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम से पार्टी के भीतर और पार्टी के बाहर जमकर आलोचना का शिकार होना पड़ा।यह मामला अब भी थमा नहीं है। जबकि नामांकन दाखिल करने का वक्त आया तो राजीव शुक्ल के हवाले से यह वादा भी आया कि छत्तीसगढ़ से सतत संपर्क बना रहेगा, यही बात रंजीत रंजन ने भी कही, लेकिन आज जबकि निर्वाचन का प्रमाण पत्र दिया जाना था, राजीव शुक्ल इसे लेने नहीं पहुँचे,उनकी जगह पर सुधीर शुक्ला ने यह प्रमाणपत्र लिया, श्रीमती रंजीत रंजन जरुर खुद मौजूद थीं।