रूसी राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन सोमवार शाम दिल्ली पहुंचे। हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य विषयाें पर कुल 28 समझौते हुए। दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 बातचीत हुई। पुतिन के भारत दौरे का इस बात का संकेत है कि वे भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को कितना महत्व देते हैं।
भारत-रूस के बीच हुए 28 करार
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया इस यात्रा के दौरान 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं। भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए हैं। रूस से भारत को मिलने वाली एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की सप्लाई शुरू हो चुकी है और यह आगे भी होती रहेगी। श्रृंगला का कहना था कि राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा छोटी लेकिन बेहद ही प्रोडक्टिव और महत्वपूर्ण रही।
2025 तक 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य- मोदी
पुतिन की मौजूदगी में मोदी ने कहा- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है। रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में दोनों देश अहम सहयोगी है। कोरोना के खिलाफ भी सहयोग रहा है। आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम बड़े विजन पर काम कर रहे हैं। हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है।
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