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JASHPUR. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है और प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बेहतर बना रही है। लेकिन सरकार की ओर से स्कूलों के लिए दी जानी वाली राशि बीच में ही कुछ दलाल लूट ले रहे हैं । इससे सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधर पा रही है। प्रदेश के कई जिलों में सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है, जिससे हादसों का डर बना रहता है। आज ऐसा ही कुछ मामला जशपुर के मनोरा ब्लाॉक से आया है। यहां आश्ता के शासकीय हाई स्कूल के भवन की हालत काफी जर्जर हो गई है। जिससे छात्र डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं। लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसे लेकर स्कूल के 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने मोर्चा खोल दिया है और स्कूल का नया भवन बनाने की शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मांग की है। स्कूल के छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कहा ‘पुराना स्कूल भवन नहीं चलेगा, स्कूल भवन नया चाहिए, छात्रों ने बताया कि जर्जर हो चुके स्कूल के भवन में हमारी जान को खतरा है।
खंडहर में तब्दील हुआ स्कूल भवन
छात्रों ने बताया कि स्कूल भवन की हालत खंडहर हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्कूल का निर्माण किया था। जो 2008 से शुरू हुआ था2010 में स्कूल का काम पूरा होने के बाद हैंड ओवर किया गया था। आज स्कूल बने 10 साल बीत गए हैं, अब स्कूल जर्जर हालत में पहुंच गया है, जो कभी भी गिर सकता है। लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ना ही नया स्कूल बनाया जा रहा है और ना ही स्कूल के भवन की मरम्मत की जा रही है, जिससे छात्रों में हादसे का डर बना रहता है। छात्रों ने आगे बताया कि PWD विभाग ने भवन की 25 साल की गारंटी ली थी। लेकिन अब विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसको लेकर छात्र सड़क पर उतर आए हैं और नया स्कूल भवन बनाने की मांग कर रहे हैं।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भी कई बार शासन से भवन के लिए गुहार लगाई लेकिन प्राचार्य जगतपाल राम ने अज्ञात कारणों का हवाला देकर शिक्षकों को चुप करा दिया था,जिसका खामियाजा जर्जर भवन में पढ़ाई करन वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि स्कूल भवन में कुल 12 रूम है। इसमें से 8 रूम की हालत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है।
स्कूल के पास ही हुआ था भेंट मुलाकात कार्यक्रम
प्रशासन को बच्चों और शिक्षकों ने कई बार अवगत भी कराया, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। पिछले महीने सीएम भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात का कार्यक्रम स्कूल के पास ही हुआ था , लेकिन जब आवेदन के माध्यम से स्कूली बच्चों ने मामले को अवगत कराना चाहा तो प्राचार्य जगतपाल राम ने डरा धमका कर बच्चों को शांत करा दिया।
भवन को ठीक बताकर निरीक्षण से रोका!
वहीं स्कूल भवन की स्थिति सही है, बताकर किसी को निरीक्षण नहीं करने दिया। स्कूली बच्चों ने शिक्षकों ने डर के साए में पढ़ाई होते हुए देख अपने आप को जान का खतरा बताया है और अब प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नया स्कूल बनाने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है और सड़कों पर उतर आए हैं।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग
स्कूल भवन 10 सालों में इस तरह जर्जर हो जाने पर कहीं ना कहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही भी साफ तौर पर देखने को मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार प्राचार्य भी 2 साल से प्रभार में है, लेकिन आज तक प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए जल्द से जल्द नए भवन की स्वीकृति, पुराने भवन में हुई मनमानी और लापरवाही करने वाले ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।