भोपाल. शहडोल (Shahdol) जिले के ग्राम पंचायत गिरवा (Gram Panchayat Girwa) सेक्टर के रामपुर (Rampur) से परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस गांव के सभी लोगों ने मिलकर फैसला किया है कि पंचायत चुनावों (Panchayat Elections) का बहिष्कार (boycott) करेंगे। गांव के लोगों ने एकजुट होकर इसका ऐलान 21 दिसंबर को किया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इसकी शिकायतें निचले स्तर से लेकर राजधानी तक की हैं लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इसी बात से खफा ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है।
बहिष्कार का कारण यह है
जनपद बुढार अतर्गत ग्राम पंचायत गिरवा सेक्टर के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। इसका मुख्य कारण यह है कि उनके गांव में आज तक विकास नहीं हुआ है। आज भी ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं (infrastructure) को तरस रहे है। हर पांच साल में पंचायत के चुनाव आते ही सरकार व नेता गांव में विकास के वादे करते हैं। चुनाव संपंन होने पर दोबारा गांव की सुध नहीं लेते। इसीलिए गांव में मूलभूत सुविधाओं की बेहद कमी है।
एसईसीएल में नौकरी नहीं मिली
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि रामपुर गांव एसईसीएल भूमिगत खदान के लिए भी लिया गया है। लेकिन उसमें भी स्थानीय लोगों को धोखा दिया गया है। उन्हें नौकरी का लालच देकर नौकरी मुहैया नहीं कराई गई। सिर्फ मुआवजा दिया गया है। इसी कारण लोग आक्रोशित हैं। इसीलिए ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि वह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। अधिकारियों का कहना है कि विकास की मांग को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे। लेकिन अधिकारियों द्वारा समझाइस दी जा रही है कि वह पंचायत चुनाव में भागीदारी करें।
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