Surajpur: जिले की पुलिस और प्रशासन की टीम की कोशिशों से 14 मजदूरों और उनके परिवार के चेहरों पर खुशी वापस दिखाई देने लगी है। इन मजदूरों को एक महिला ठेकेदार अपने साथ आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) ले गई थी। आरोप है कि वहां उन्हें बंधुआ मजदूर (bonded labor) बनाकर काम करवाया जा रहा था। इसकी जानकारी गांव के ही एक शख्स ने जिले की सलका पुलिस चौकी (salka police chouki) को दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम आंध्रप्रदेश (andhrapradesh) रवाना हो गई। उन्होंने आंध्रप्रदेश में बंधक बनाकर रखे गए 14 श्रमिकों को मुक्त कराया और उन्हें परिजनों के पास पहुंचा दिया।
स्थानीय निवासी की जानकारी पर एक्शन
जिले के सलका गांव में रहने वाले लालसाय ने सलका पुलिस चौकी में इस संबंध में लिखित आवेदन दिया। शिकायत में बताया कि प्रदेश के 14 लड़कों को मजदूरी के लिए आंध्रप्रदेश ले जाया गया है। उन्होंने महिला ठेकेदार नरबदिया पति संतोष निवासी बांगों पर 14 लड़कों को बंधक बनाने का आरोप भी लगाया। इस मामले की जानकारी एसपी रामकृष्ण साहू को भी दी गई। मामले की जानकारी के बाद उन्होंने चौकी उमेश्वरपुर की पुलिस और श्रम विभाग की संयुक्त टीम को आंध्रप्रदेश जाकर रेस्क्यू करने के निर्देश दिए।
7 बाल मजदूर भी बंधक
एसपी के आदेश के बाद बनी टीम खोजबीन और जांच पड़ताल करने आंध्रप्रदेश पहुंची। आंध्रप्रदेश के करनुल जिले के गांव होलामुण्डा में एक ठेकेदार के चंगुल से 14 श्रमिकों को छुड़ाने में भी कामयाब रही। जिन्हें बाद में सकुशल घर भेज दिया गया। इन छुड़ाए गए मजदूरों में 7 बाल श्रमिक भी शामिल थे। जिन्हें पहले बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। यहां काउसलिंग के बाद उन्हें परिजनों के पास भेज दिया गया। सभी मजदूरों के सकुशल घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है।
पुलिस ने दी जानकारी
चौकी प्रभारी देवनाथ चौधरी ने इस बारे में जानकारी दी कि ये 14 लोग अपनी मर्जी से आंध्रप्रदेश काम करने गए थे। लेकिन वहां पर बंधक बना लिए गए। काम करवाने वाला ठेकेदार उन्हें लौट कर घर नहीं आने दे रहा था। लड़कों के परिजन ने इसकी जानकारी पुलिस, श्रम विभाग और कलेक्टर को दी। उसी आवेदन पर ये कार्रवाई हुई।