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SURGUJA: यहां एक दंपत्ति अपने तीन बच्चों को लेकर डीएम (district majistrate) के पास पहुंची। दंपत्ति के तीनों ही बच्चे आंखों से देख नहीं सकते। तीनों मासूम के साथ दंपत्ति ने कलेक्टर के सामने गुहार लगाई। कलेक्टर ने उनकी समस्या को सुनी। उसके बाद जो आदेश दिया उसने दंपत्ति की कई महीनों की मेहनत बचा दी।
दो घंटे में बनवा दिया सर्टिफिकेट
शनिवार की दोपहर बतौली का एक परिवार अपनी 13 साल की बेटी, 8 साल के बेटे और 5 साल के बेटे के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा। यहां उन्होंने सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार से मुलाकात की। उन्होंने कलेक्टर को बताया उनके तीनों बच्चे देख नहीं सकते। लेकिन अब तक उनके दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बन सके हैं। साथ ही आयुष्मान कार्ड भी नहीं बना है। उनकी बात सुनते ही कलेक्टर ने तुरंत अपने तहसीलदार को बुलाया। तहसीलदार के साथ ही सभी को मेडिकल कॉलेज भिजवाया। इसके बाद करीब दो घंटे में ही तीनों बच्चों का दिव्यांग सर्टिफिकेट और आयुष्मान कार्ड बन गया।
फटाफट हुआ काम
दिव्यांगता सर्टिफिकेट और आयुष्मान कार्ड बनने तक नायब तहसीलदार सौरभ सिंह परिवार बच्चों के साथ अस्पताल में ही रहे। इस दौरान बच्चों अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों को दवाएं भी उपलब्ध कराईं। तहसीलदार की मौजूदगी में बच्चों को पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता रहा। जांच और दवा के अलावा दंपत्ति को खाना भी वहीं मिला। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से रवाना किया गया। प्रदेश में ऐसा संभवतः पहली बार हुआ है जब इतने कम समय में दस्तावेज बनकर तैयार हो गए हों।