Raipur। छत्तीसगढ़ की सियासत में तूफान लाने वाले आयकर (आईटी) के छापों से चर्चा में आए बड़े कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने आईटी की टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने रविवार शाम (10 जुलाई) को वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि आईटी की टीम ने छापे की कार्रवाई के दौरान मुझ पर छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन कराने का दबाव बनाया। आयकर अधिकारी मुझे छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनाना चाहते थे।सूर्यकांत तिवारी के इस बयान को लेकर बीजेपी ने भी उन्हें कटघरे में खड़ा किया है। बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने सूर्यकांत तिवारी के बयान के विभिन्न अंशाें को जारी कर सूर्यकांत तिवारी के बयान पर सवाल उठाते हुए इसे भयावह विराेधाभास से भरा बयान निरूपित किया है।
"आयकर की टीम ने मुझ पर छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन कराने का दबाव बनायाः #सूर्यकांततिवारी "#छत्तीसगढ़ में आईटी की कार्रवाई से चर्चित कोयला कारोबार ने वीडियो जारी कर आयकर की टीम पर लगाए गंभीर आरोप। कहा- आईटी की टीम ने 40-45 s समर्थक विधायकों को साथ लेकर सत्ता पलट का दबाव बनाया।
— TheSootr (@TheSootr) July 11, 2022
क्या कहा है सूर्यकांत ने
सूर्यकांत तिवारी के वायरल वीडियो में यह दावा है कि आयकर विभाग के अधिकारी उसे प्रदेश में सत्ता परिवर्तन कर एकनाथ शिंदे बनाने का प्रस्ताव दे रहे थे।यह दावा करते हुए सूर्यकांत ने कहा है कि ऐसा करने के लिए सौम्या चौरसिया का नाम आयकर अधिकारी जुड़वाना चाहते थे। सूर्यकांत ने कहा
“आयकर विभाग वाले किसी भी तरह से मुझे साम-दाम-दंड-भेद से यही कहलवाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने मुझे प्रदेश में सत्ता परिवर्तन करके मुख्यमंत्री बनने तक का प्रस्ताव दिया। मुझे आयकर की टीम के अफसरों ने ये भी अकेले में कहा कि प्रदेश के 40 से 45 विधायकों से मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं, उनके एक सूची बना लू, अभी उन विधायको के सहयोग से सत्ता पलट हो जाएगी और आपको छत्तीसगढ़ में एकनाथ शिंदे बना देंगे। इसके लिए मुझे अपने व्यवसाय से श्रीमती सौम्या चौरसिया का नाम जोड़कर बयान देने कहा गया, जिससे मैंने साफ इंकार कर दिया, जिसके कारण हमें आयकर वालो ने इतना टार्चर किया।
क्या विरोधाभास है बयान में
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने सूर्यकांत तिवारी के इसी बयान में आयकर की कार्यवाही को लेकर सूर्यकांत ने अलग अलग जगहों पर कही बातों का उल्लेख करते हुए सवाल किया है कि, यह भयावह विरोधाभास है, इन विरोधाभास में सच किसे मानें ? विधायक सौरभ सिंह ने बयान के उन अंशों का ब्यौरा दिया है जिसके आधार पर वे सूर्यकांत के बयान में विराेधाभास बता रहे हैं। विधायक साैरभ सिंह ने सूर्यकांत के बयान के निम्नलिखित अंशाें का जिक्र करते हुए बयान को विरोधाभास से भरपूर बताया है−
१-“यदि किसी प्रकार के नियम कायदों को लेकर कोई चूक हुई है, तो उसे सुधारा जा सकता है, उसके लिए राजनीतिक तमाशा खड़ा करने की कोई आवश्यकता नही है।”
2-“यदि व्यापारी होना, कारोबार करना गुनाह है, यदि जीवन में उन्नति करना अपराध है, यदि नियम-कायदों की चूक हो जाना अपराध है तो मैं बेशक अपराधी हूँ और मुझसे वैसा ही बर्ताव किया जाए जैसा एक अपराधी से किया जाता है, मुझे कोई आपत्ति नही है। जो भी कानूनी व्यवस्था होगी, मैं उसको पूरा करूँगा, पूरा करता आया हूँ।”
3-“आयकर द्वारा जो सर्च और सर्वे किया गया उसमे अगर कोई भी संपत्ति प्रश्नाधीन होती है या कही टैक्स संबंधी कोई बात आती है, तो उसके निराकरण की एक निर्धारित व्यवस्था है। यदि हमारे प्रतिष्ठानों पर कोई टैक्स दायित्व निकलेगा तो उसे हम चुका देंगे। हम व्यापारी हैं कोई अपराधी नही है”
MLA सौरभ सिंह ने द सूत्र से कहा “सूर्यकांत तिवारी खुद को एकनाथ शिंदे ऑफ़र मिलने की बात कहते हैं, वे आयकर विभाग पर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए दबाव बनाने की बता कहते हैं,वे बड़े उत्साह से डॉ रमन सिंह की लानत मलामत करते हैं, वे मुख्यमंत्री बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को बिल्कुल सुरक्षित राह देते दिखते हैं लेकिन फिर खुद यह कहते हैं कि इस छापे को राजनैतिक खेल मत बनाइए।इसे बढ़ा चढ़ाकर देखने के बजाय आयकर विभाग की कार्यवाही के रुप में ही देखना चाहिए।” सूर्यकांत यह क्यों कहते हैं -
“कृपा करके, मेरे घर पर पड़े आयकर छापों को राजनीतिक खेल मत बनाइये, उसे सियासी रंग मत दीजिये, मुझपर यह उपकार कीजिये, मेरे घर पर पड़े इन छापों को बढ़ा-चढाकर न देखा जाए, इसे आयकर विभाग की कार्यवाही रहने दिया जाए। इसकी मनचाही व्याख्या मत कीजिये, मनचाहे अर्थ मत निकालिये।”
पीसीसी ने माँगा प्रधानमंत्री से इस्तीफ़ा
सूर्यकांत के विरोधाभास से भरे बयान के बीच पीसीसी मीडिया विभाग ने प्रधानमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा माँग लिया है। पीसीसी मीडिया सेल ने सूर्यकांत तिवारी के उस कथन को बयान का केंद्र बनाया है, जिसमें उन्होंने आयकर पर आरोप लगाया है कि एकनाथ शिंदे की तर्ज पर मुख्यमंत्री बनाए जाने का दबाव बनाया गया।पीसीसी मीडिया सेल की जारी विज्ञप्ति में लिखा गया है
“कोयला व्यवसायी के खुलासे से भाजपा का लोकतंत्र विरोधी कारनामा सामने आया है,भाजपा को विरोधी दलों की सरकारें बर्दाश्त नहीं है”
हाउसिंग बोर्ड सदस्य अजय साहू ने लिखा − थैंक्स सूर्या
इसी मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता और सीएम बघेल के कट्टर समर्थक तथा हाउसिंग बोर्ड के सदस्य अजय साहू की फ़ेसबुक पोस्ट वायरल हो रही है। अजय साहू ने यह टिप्पणी सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला के स्टेट्स पर की है। आलोक शुक्ला ने स्टेट्स में व्यंग्यात्मक शैली में लिखा -
“बंदा ईमानदार निकला नहीं तो अभी तक मुख्यमंत्री बन गया होता”
इस पर अजय साहू ने लिखा
“एक सोनिया गांधी हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री पद का त्याग किया, एक आप हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री पद को ठोकर मारी, हम सब भूपेश समर्थक आपके आजीवन आभारी रहेंगे। थैंक्स सूर्या”