याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ के निलंबित पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता को प्रमोशन के मामले में राहत मिली है। मौजूदा समय में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को पदोन्नति के मसले पर कैट से राहत मिली है। कैट की विशेष बेंच ने मुकेश गुप्ता को डीजी पद पर पदोन्नति को सही मानते हुए राज्य सरकार के द्वारा जारी डिमोशन के आदेश को खारिज कर दिया है। मुकेश गुप्ता फिलहाल निलंबित है। मुकेश गुप्ता ने अपने प्रमोशन आदेश निरस्त करने के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में याचिका दायर कर दी।
यह है पूरा मामलाी
निलंबित मुकेश गुप्ता को राज्य शासन ने 2018 में प्रमोशन देकर ADG से DG बना दिया था। तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। आईपीएस मुकेश गुप्ता 1988 बैच के अधिकारी हैं। 2018 में ही राज्य में सरकार बदली और 24 सितंबर 2019 को कैबिनेट की बैठक के बाद 26 सितंबर 2019 को उन्हें दी गई पदोन्नति को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया। भूपेश बघेल सरकार ने उनके खिलाफ हुई शिकायतों के आधार पर जांच कराई। आरोप सही पाए गए और उनके खिलाफ अलग-अलग कई आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। इसके साथ ही साल 2019 में उनके प्रमोशन आदेश को निरस्त कर दिया गया। पदोन्नति को प्रभावित करने वाले आदेश के खिलाफ मुकेश गुप्ता कैट पहुंचे थे।
6 महीने में आदेश लागू करना होगा
आईपीएस मुकेश गुप्ता के अधिवक्ता मोहित मुद्गल ने बताया कि पदोन्नति को रद्द किए जाने का कोई आदेश मिला ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट से जानकारी मिली। जबकि जुनियर अधिकारियों को पदोन्नति दी गई। इसके बाद हमने 2020 में ही ओरिजनल ऑप्लिकेशन दाखिल किया। इस पर राज्य की ओर से पेश प्रारंभिक आपत्ति खारिज की गई। इसके बाद वे हाईकोर्ट गए लेकिन हाईकोर्ट ने कैट के आदेश को सही माना। कैट ने 12 अप्रैल को अंतिम आदेश सुनाया, जिसमें मुकेश गुप्ता को 6 अक्टूबर 2018 को दी गई पदोन्नति को सही पाया है। सरकार को आदेशित किया है कि वे छ माह के भीतर कैट के निर्णय का संपूर्ण परिपालन सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं होता है तो राज्य सरकार पर जुर्माना लग सकता है। कैट की इस बेंच में दो सदस्य हैं, जिनमें जस्टिस रमेश सिंह ठाकुर और जस्टिस बीवी सुधाकर शामिल है।