योगेश राठौर, INDORE. इंदौर में बड़ा गणपति की मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है। इस मूर्ति को चोला चढ़ाने के लिए सवा मन घी और सिंदूर का प्रयोग होता है। श्रृंगार करने में पूरे 8 दिन का समय लगता है। यहां साल में 4 बार ही चोला चढ़ाया जाता है। बड़ा गणपति का मंदिर सुबह साढ़े 5 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहता है। थाईलैंड में भी एक पार्क में 39 मीटर की गणेश मूर्ति स्थापित है लेकिन ये मूर्ति मंदिर में नहीं हैं और प्राचीन नहीं है।
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सपने में आए गणेश और हुआ मंदिर का निर्माण
कहा जाता है कि उज्जैन के स्वर्गीय पंडित नारायण दाधीच भगवान गणेश के अनन्य भक्त थे। एक दिन भगवान गणेश ने उन्हें सपने में दर्शन दिए और निर्देश दिया कि उनके मंदिर का निर्माण किया जाए। सपने में ही दाधीच ने भगवान से पूछा कि कहां पर मंदिर बनाया जाए तो उन्होंने इंदौर में स्वयंभू गणेश प्रतिमा के पीछे मंदिर बनाने का आदेश दिया। दाधीच ने खोज की और बड़ा गणपति के मंदिर निर्माण हुआ। वर्तमान में मंदिर की देखरेख पंडित नारायण दाधीच की तीसरी पीढ़ी के पंडित धनेश्वर दाधीच कर रहे हैं।