Raipur. झीरम घाटी हत्याकांड मामले में देश की सर्वोच्च जाँच एजेंसी NIA की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने झीरम हत्याकांड में दरभा थाने में दर्ज कराई गई FIR पर किसी भी कार्यवाही से रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
क्या मसला है
25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों के हमले में कांग्रेस के प्रदेश के शीर्षस्थ नेताओं समेत 32 लोग मारे गए थे। इस हमले के समय राज्य में बीजेपी की जबकि केंद्र में यूपीए की सरकार थी। केंद्र सरकार ने इसकी जाँच NIA को सौंपी थी।प्रदेश के क़रीब क़रीब पूरे शीर्ष नेतृत्व के इस हमले में मारे जाने के बाद कांग्रेस की ओर से इस मामले को केवल नक्सलियों का हमला मानने के बजाय इसे राजनैतिक षड्यंत्र होने का आरोप लगाया गया। तत्कालीन पीसीसी चीफ़ बने भूपेश बघेल ने 2018 के विधानसभा चुनाव के समय इस आरोप को एक अहम मुद्दा बनाने में सफलता हासिल की, और दावा किया था कि कांग्रेस सरकार बनी तो इस राजनैतिक षड्यंत्र की जाँच करेगी।
राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस हमले में मारे गए राजनांदगाँव के वरिष्ठ कांग्रेसी उदय मुदलियार के पुत्र की ओर से दरभा थाने में FIR दर्ज की गई थी। NIA जो कि झीरम कांड की जाँच कर रही थी उसने राज्य की एजेंसी द्वारा पृथक से जाँच पर आपत्ति की थी। इस मामले में हाईकोर्ट से NIA को सकारात्मक निर्देश नहीं मिले जिसके बाद NIA ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।