हसदेव को बचाने जुटे हजारों लाेग,आन्दोलन स्थल पर ही लिया हसदेव को बचाने का संकल्प

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Yagyawalkya Mishra
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हसदेव को बचाने जुटे हजारों लाेग,आन्दोलन स्थल पर ही लिया हसदेव को बचाने का संकल्प

Ambikapur।   विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हसदेव अरण्य के परसा कोल ब्लॉक प्रभावित ग्राम हरिहरपुर में आन्दोलन स्थल पर संकल्प सम्मेलन  का आयोजन किया गया,  इसमें  हसदेव के स्थानीय ग्रामीणों सहित पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए l वहीं राजनांदगांव और बिलासपुर के सैकड़ों युवा “हसदेव बचाओ” मोटरसाइकिल रैली के रूप में हसदेव अरण्य के सम्मेलन में शामिल हुए l 

 

गाँव को उजाड़ने का किया जा रहा कार्य

सम्मलेन को संबोधित करते हुए आलोक शुक्ला ने कहा कि हसदेव अरण्य की समृद्धता को स्वीकार्य करते हुए स्वयं  केंद्र व राज्य सरकारों ने इसे खनन से मुक्त रखने के निर्णय लिए थे l वर्ष 2010 में सम्पूर्ण हसदेव अरण्य क्षेत्र को खनन से मुक्त रखते हुए NO GO क्षेत्र घोषित किया था l भूपेश सरकार ने मानव हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने, हसदेव के सम्पूर्ण कैचमेंट को सुरक्षित करते हुए परसा, तारा और केते एक्सटेंशन कोल ब्लाक को लेमरू में शामिल कर 3827 वर्ग किलोमीटर करते हुए प्रभावित ग्राम सभाओं से प्रस्ताव मंगाए l लेकिन आज उस निर्णय से पीछे हटते हुए सिर्फ अडानी कम्पनी के दवाब में उन्ही गाँव को उजाड़ने का कार्य किया जा रहा है l



हसदेव के आदिवासियों को करना चाहते हैं विस्थापित

जिला किसान संघ के सुदेश टीकम ने कहा कि पिछले एक दशक से हसदेव के आदिवासी और अन्य वन पर निर्भर समुदाय अपने जल, जंगल, जमीन, आजीविका, संस्कृति और पर्यावरण को बचाने के लिए आन्दोलनरत हैं l अपने जनवादी, लोकतांत्रिक जमीनी संघर्षो और जनपक्षीय कानूनों का इस्तेमाल करते हुए हसदेव के ग्रामीणों ने जंगलो के विनाश को रोका है l लेकिन आज मोदी और भूपेश सरकार मिलकर हसदेव के आदिवासियों का दमन करके उन्हे  विस्थापित करना चाहते हैं l



जंगलों को बचाने की लड़ाई अब बिलासपुर की भी

बिलासपुर से आए प्रदीप चंद्र, प्रथमेश मिश्रा, प्रकाश सोनथलिया,  श्रेयांश बुढ़िया ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हसदेव के जंगलों को बचाने की लड़ाई अब बिलासपुर की भी लड़ाई है। क्योंकि इनके विनाश से बिलासपुर शहर सूखे में तब्दील हो जाएगा।  प्रथमेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा



सरकार हसदेव की खदान को निरस्त करने की घोषणा करें हम अपनी बिजली स्वयं काट लेंगे।





प्रशासन ने नहीं की फर्जी प्रस्ताव की निष्पक्ष जांच  

घाटबर्रा सरपंच विजय कोर्राम और साल्ही सरपंच विजय कोर्राम ने कहा कि हमारे गांव के फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव बनाकर अदानी कंपनी ने वन स्वीकृति हासिल की है। आज तक प्रशासन ने फर्जी प्रस्ताव की निष्पक्ष जांच तक नहीं  की है।  सम्मेलन के बाद  उपस्थित हजारों लोगों ने हसदेव अरण्य के जल, जंगल, जमीन पर्यावरण को बचाने, एकजुट संघर्ष का संकल्प लिया, इसके साथ ही हसदेव का विनाश करने वाले अदानी समूह के उत्पादों का बहिष्कार करने का संकल्प भी लिया गया ।


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