Bilaspur: कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क की बाघिन रंभा ने बीती 18 अप्रैल को चार नए शावकों को जन्म दिया था। सात साल की बाघिन रंभा के वो नन्हें शावक अब 57 दिन के हो चुके हैं। कानन पेंडारी में उनकी आवाज अब सुनाई देने लगी है। चारों शावक चुस्त और तंदुरूस्त नजर आने लगे हैं। जिसके बाद उन्हें अब सैलानियों के सामने लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। ये बाग जैसे ही चार माह के हो जाएंगे इन्हें ओपन केज में छोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद सैलानी इन्हें देख सकेंगे।
अप्रैल में आया सुखद पल
फरवरी और मार्च कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क के बेहद बुरे गुजरे। जब उन्हें एक के बाद एक बुरी खबर मिलती रही। यहां एक शेर, दो बाघिन, हिप्पो पोटोमस सहित कुछ जानवरों की लगातार मौत हो गई। 18 अप्रैल को जब बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया उसके बाद जाकर कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क में खुशियों के पल आए। हालांकि उसके बाद प्रबंधन के पास इन शावकों को नए माहौल में ढालने और स्वस्थ रखने का चैलेंजे था।
काम आई ये रणनीति
नन्हें बाघों को स्वस्थ रखने के लिए कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क ने नई रणनीति पर काम किया। प्रबंधन ने पूरे समय बाघिन रंभा और शावकों के मूवमेंट पर नजर रखने का फैसला किया। इसके लिए लोग तो तैनात किए ही गए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए। जब भी अंदेशा हुआ वहां मौजूद स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया। जिसका नतीजा ये है कि 57 दिन बाद अब शावक स्वस्थ नजर आ रहे हैं। बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए प्रयास अब भी जारी हैं।
अब इतने बाघ-बाघिन
इन नए शावकों में एक नर और तीन मादा है। इनके यहां आने के पहले से ही कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क में तीन नर बाघ और दो मादा बाघ मौजूद हैं। इनमें से बाघिन रंभा स्वस्थ है। एक अन्य बाघिन जंगल सफारी से लाई गई थी वो अब बूढ़ी हो चुकी है। नए शावकों के आने के बाद कानन पेंडारी जूलोजिकल पार्क में बंगाल टाइगरों की संख्या चार से बढ़ कर नौ हो गई है।