Raipur। देर शाम दो जगहों पर तीन दौर की बैठक के बाद भी फेडरेशन यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि, हड़ताल जारी है या कि स्थगित कर दी गई है। बल्कि अब से कुछ देर पहले विज्ञप्ति जारी की गई है जिसमें यह लिखा गया है कि, बैठक कल फिर होगी और आगे की रणनीति तय होगी। सनद रहे कि कल दो सितंबर है और सीएम बघेल ने जो एक प्रकार से डेड लाईन दी है वह दो सितंबर ही है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि हड़ताल स्थगित है।
क्या हुआ आज
शाम को बैठक शुरू हुई तो ज़िलों के संयोजक, सभी सहयोगी संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों से रायशुमारी की गई। इस बैठक में संख्या इतनी बढ़ गई कि जगह बदलनी पड़ गई। कार्यालय से स्कूल में जाकर यह बैठक की गई। इसमें ज़िले और संबंद्ध संगठनों ने बग़ैर ठोस निर्णय हड़ताल वापस लिए जाने पर स्पष्ट प्रतिरोध किया है। फेडरेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में भी इस बात का उल्लेख मिलता है, फेडरेशन की विज्ञप्ति में लिखा गया है
“ज़िलों के समस्त संयोजकों और प्रातांध्यक्ष की राय ली गई जिसमें अधिकांश संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी कि, जो सरकार महंगाई के खिलाफ देश की राजधानी में जाकर प्रदर्शन करने वाली है, उस सरकार को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की माँग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए, जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखी जाए।”
इस राय के बीच सीएम बघेल की हड़ताल वापसी की अपील,राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे की मध्यस्थता और मुख्य सचिव से फेडरेशन की चर्चा का ज़िक्र भी विस्तार से आया।
कल फिर होगी बैठक, कल ही सरकार की डेडलाइन भी
फेडरेशन की बैठक का ब्यौरा देती विज्ञप्ति में कहीं पर भी उल्लेख नहीं है कि हड़ताल को लेकर अद्यतन स्थिति क्या है। विज्ञप्ति में लिखा गया है
“शासन कर्मचारियों का एक वर्ष का एरियर्स जीपीएफ़ खाते में डालते हुए आहरण पर कुछ वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दे, लेकिन महंगाई भत्ते की शेष किश्त दीपावली तक दे दे। गृह भाड़ा भत्ते के लिए समिति बनाकर निर्णय ले।”
विज्ञप्ति में यह स्पष्ट नहीं है कि यह सुझाव फेडरेशन ने दिया या फेडरेशन को मिला। ना ही यह उल्लेख है कि यदि फेडरेशन ने दिया तो किसे दिया और यदि फेडरेशन को मिला तो किससे मिला।
बहरहाल कल फेडरेशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी।