CM बघेल के लिए मंत्री कवासी बने दुभाषिया तो पूर्व नक्सली मड़कम को मिली शाबाशी

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Yagyawalkya Mishra
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CM बघेल के लिए मंत्री कवासी बने दुभाषिया तो पूर्व नक्सली मड़कम को मिली शाबाशी

Sukma।प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं के दाैरे के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुकमा पहुंचे,सुकमा जिले में इकलौती विधानसभा है जिसका नाम कोंटा है। अति संवेदनशील नक्सली इलाका होने की की वजह से इस इलाके को जिला बनाया गया है। कोंटा विधानसभा या कि सुकमा जिला, तेलंगाना,ओड़िसा और महाराष्ट्र की सरहद पर मौजुद है। सीएम बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरूआत सुकमा के कोंटा पहुंच कर वहां स्थित रामलिंगम मंदिर में पूजा से की। इसके बाद सीएम बघेल अस्पताल गए, मरीजों और चिकित्सकों से संवाद किया, और चाैपाल लगाने के बाद छिंदगढ रवाना हो गए। कुछ देर बाद सीएम बघेल छिंदगढ से जिला मुख्यालय सुकमा पहुंचेंगे और वहीं रात्रि विश्राम करेंगे। 





















जब मंत्री कवासी लखमा बने दुभाषिया









   भेंट मुलाकात के ठीक पहले जबकि सीएम बघेल कोंटा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और स्टॉक रजिस्टर समेत पर्चियाें को देखा और चिकित्सकों से बात की,उसी समय अस्पताल में उनकी मुलाकात एक बुजुर्ग मरीज से हुई,यह मरीज अकेले था। स्थानीय बोली भाषा के अतिरिक्त कुछ समझ पाने में दिक्कत महसूस कर रहे बुजुर्ग जिसका नाम मुचाकी बुधरा था,उससे संवाद करते सीएम बघेल ने स्थानीय विधायक और मंत्री कवासी लखमा को दुभाषिया बना लिया। सीएम बघेल जब सवाल करते तो मंत्री लखमा उसे स्थानीय बोली भाषा में पूछते,फिर ग्रामीण जो जवाब देता उसे मंत्री कवासी हिंदी में सीएम बघेल को बताते। सहज सरल मंत्री कवासी लखमा अपनी ठेठ गंवई अंदाज के कारण हास्य भी पैदा करते हैं,ठीक कुछ वैसा ही तब भी हुआ जबकि मंत्री कवासी ग्रामीण मरीज की बाताें का अनुवाद कर के सीएम बघेल को बता रहे थे। मंत्री कवासी लखमा की स्कुली शिक्षा नही हुई है,पर इसके बावजूद वे जानबूझकर कई बार अंग्रेजी के प्रचलित शब्दाें को बोलने की कोशिश करते हैं,बस्तरिहा लहजे में उन शब्दों के प्रयाेग से स्वाभाविक तौर पर हंसी तैर जाती है।ठीक वैसा ही हुआ जबकि सीएम बघेल ने बुजुर्ग मरीज से पूछा यहां अस्पताल में सब ठीक है, इस पर कवासी ने इसका अनुवाद कर बुजुर्ग से पूछा और जाे जवाब आया, उसे सीएम बघेल को कुछ यूं बताया









 हैप्पी है साहब













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कोंटा अस्पताल में सीएम बघेल के साथ बुजुर्ग ग्रामीण





















पूर्व नक्सली मड़कम को मिली शाबाशी













कोंटा में चाैपाल लगी,जहां सीएम बघेल की मुलाकात मौजूदा समय में डीआरजी में  इंस्पेक्टर मड़कम मुदराज से हुई। मड़कम मुदराज कभी नक्सली कमांडर थे,लेकिन फिर मूल धारा में लौटे और और उन्ही नक्सलियाें से लड़ते हुए अब एसपीओ से क्रमबद्ध तरीके से पदोन्नति पाते हुए वे इंस्पेक्टर हो चुके हैं।मड़कम मुदराज ने अपना परिचय दिया और पूरी कहानी भी बताई।मड़कम ने सीएम बघेल से कहा कि, अब लोगों में नक्सलियाें का खाैफ नही बल्कि आगे बढ़ने की चाहत है। लोग सरकारी याेजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। मड़कम ने बताया कि, उनकी पत्नी भी संगठन में थी,लेकिन हम दोनाें ने तय किया कि, अब खून खराबे की जिंदगी नही जीना है। अब वे अच्छे से जी रहे हैं, और उनके तीनों बच्चे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ रहे हैं। डीआरजी इंस्पेक्टर मड़कम ने सीएम बघेल से इच्छा जताई  कि,उसे साथ में तस्वीर खिंचवाना है, सीएम बघेल ने तुरंत यह इच्छा पूरी कर दी,साथ ही मड़कम को उसके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।













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पूर्व नक्सली कमांडर लेकिन आज के इंस्पेक्टर मड़कम के साथ मुख्यमंत्री बघेल















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