Raipur।छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों पर उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनैतिक पृष्ठभूमि से आए लोगों को राज्यसभा का टिकट मिलने के मसले पर चौतरफ़ा किरकिरी झेल रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार और संगठन पर मंथन शिविर में इस निर्णय पर कार्यकर्ताओं के आक्रोश की अभिव्यक्ति को मौन सुनना पड़ गया। छत्तीसगढ़ियावाद के इर्द गिर्द घूमती मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रचारित प्रसारित छवि पर राज्यसभा टिकट के फ़ैसले ने विपक्ष को करारा हमला करने का मौक़ा दिया है। लेकिन मंथन शिविर के अंतिम दिन इस मसले पर मंच से हुई अभिव्यक्ति ने बताया है कि कार्यकर्ताओं में इस फ़ैसले के प्रति ज़बर्दस्त ग़ुस्सा है, यह अलहदा है कि इसे बाहर नहीं कहा जा रहा हो, लेकिन मंथन शिविर में यह बात आई और बहुत तीखे अंदाज में आई।
दो दिवसीय चिंतन शिविर का आज अंतिम दिन था और इस शिविर में बतौर वक्ता पहुँचे वरिष्ठ नेता जो कि इन दिनों एक बोर्ड के चेयरमेन हैं, उन्होंने राज्यसभा के लिए आयातित प्रत्याशियों का मुद्दा उठाया और कहा
“यह हैरान करने वाला मसला है, हम सब कार्यकर्ता ना केवल इस फ़ैसले से बल्कि चयनित चेहरों पर भी हैरान हैं। हम सभी कार्यकर्ता राज्य में सत्तर सीटें इकहत्तर सीटें जीतते हैं, पूरी ताक़त झोंकते हैं, रात दिन अथक संघर्ष करते हैं, क्या ऐसे नतीजे के लिए? एक तरफ़ छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता हैं जो सत्तर इकहत्तर सीटें जीता रहे हैं, और दूसरी तरफ़ वे लोग राज्यसभा के पात्र बन रहे हैं जिनके प्रदेश से कुल दो विधायक जीत पाए हैं, उस राज्य से तीन लोग को राज्यसभा की पात्रता कैसे”
मंच से संबोधन देते हुए उक्त वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा
“छत्तीसगढ़ी अस्मिता संस्कृति की बात करते हुए हम मैदान में हैं, हम याने मेरे सहित सभी कार्यकर्ता नतीजे दे रहे हैं, जो सामने हैं, और राज्यसभा में आँकड़े क्या हैं, छत्तीसगढ़ी एक चेहरा ही है राज्यसभा में..मैं आग्रह करता हूँ आलाकमान तक ये बात सुस्पष्ट तरीक़े से पहुँचाई जाए”
जबकि यह विषय मंच से कहा गया, उस वक्त प्रदेश संगठन प्रभारी पी एल पुनिया,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री टी एस सिंहदेव,मंत्री रविंद्र चौबे, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत सभी लोग मौजूद थे।