KORBA: गेवरा खदान (gevra mines) से जुड़े विस्थापितों के आंदोलन का सिलसिला अब भी जारी है। इस बार किसान सभा के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं ने आंदोलन किया और गेवरा खदान का काम रूकवा दिया। इनकी मांग है कि खदान प्रभावित गांव के बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जाए साथ ही आउटसोर्सिंग कर रही कंपनी के जरिए काम दिलवाया जाए। इस मांग को लेकर भू-विस्थापितों ने गेवरा खदान में कामबंद करा दिया। लगभग तीन घंटे तक ये आंदोलन जारी रहा। इसके बाद पुलिस की उपस्थिति में एसईसीएल प्रबंधन (SECL) से जुड़े अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म हुआ और दोबारा काम शुरू हो सका।
विस्थापितों की नाराजगी जारी
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड प्रबंधन और गेवरा खदान के भू-विस्थापितों के मध्य गतिरोध समाप्त नहीं हो पा रहा है। हर बार एक नई मांग को लेकर भू-विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं और खदान का काम रोक रहे हैं। बुधवार को छत्तीसगढ़ किसान सभा के साथ नरईबोध, गंगानगर गांव के बेरोजगारों खदान के अंदर अपनी मांगें लेकर पहुंचे और मिट्टी निकासी और कोयला उत्पादन बंद करवा दिया। प्रदर्शनकरियों को खदान के अंदर घुसने से रोकने के लिए काफी संख्या में सीआईएसएफ बल लगाया गया था। लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग खदान के अंदर घुसने में कामयाब रहे।
आश्वासन के बाद शुरू हुआ काम
आंदोलन की जानकारी मिलते ही दर्री सीएसपी लितेश सिंह, दीपका व कुसमुंडा थाना प्रभारी के साथ पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंची। इसके साथ ही एसईसीएल के अधिकारी अमिताभ तिवारी ने आंदोलन कर रहे बेरोजगारों के साथ चर्चा की। उन्होंने 16 जुलाई से शिविर लगाने का आश्वास भी दिया। इसके बाद खदान में दोबारा काम शुरू हो सका।