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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हुक्का बारों के खिलाफ सख्ती शुरू हो गई है। सालभर पहले पास हुए कानून पर अब अमल शुरू हो गया है। प्रदेश में हुक्का बार का संचालन अवैध घोषित कर दिया गया है। साथ ही सभी हुक्का बार के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल से धुम्रपान को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
हुक्का बार चलना होगा गैर जमानती
इस कानून के लागू होने के बाद अब हुक्का बार की सामग्री ज़ब्त करने के साथ इसे चलाने वाले के खिलाफ गैर-जमानती अपराध कायम होगा। इसके साथ ही 1 से 3 वर्ष तक का कारावास होगा। जुर्माना भी 10 से 50 हजार रुपए तक होगा, जो कोई व्यक्ति हुक्का बार में हुक्के से धुम्रपान करते पाया गया तो उस पर एक से 5 हजार रुपए तक जुर्माना देना होगा।
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कानून में कठोर प्रावधान
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ने पर रोक लगाने एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। हुक्का बार संचालन की रोकथाम के लिए अधिनियम में संशोधन कर कठोर प्रावधान किए गए हैं। संशोधित अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। प्रदेश के भोजनालय, होटल, रेस्टोरेन्ट सहित अन्य जगहों पर हुक्का बारों में फ्लेवर-युक्त तम्बाकू एवं मादक द्रव्यों का उपयोग युवा पीढ़ी द्वारा करने की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद इस कानून को लागू कर दिया गया है। यह संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है।
रायपुर में 125 से ज्यादा हुक्का बार
दो साल पहले शासन को पत्र लिखा गया था कि हुक्के पर नियंत्रण के लिए सख्त कानून होना चाहिए, क्योंकि तब यहां 125 से ज्यादा हुक्का सेंटर चल रहे थे। होटलों और रेस्तरां से लेकर कई क्लब हाउस में हुक्का पिलाया जा रहा था। सबसे ज्यादा वीआईपी रोड पर 72 सेंटर चल रहे थे। वहां पुलिस ने दो साल में 26 से ज्यादा बार छापेमारी की थी, लेकिन हुक्का पिलाने वालों को मामूली कार्रवाई के बाद छोड़ना पड़ गया था, क्योंकि कार्रवाई में सजा का प्रावधान न्यूनतम था और इसमें थाने से ही जमानत हो जाती थी।