रेणु तिवारी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ शासन (स्कूल शिक्षा विभाग) ने कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए जाना पहचाना नाम आईसेक्ट (AISECT) को छत्तीसगढ़ में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। जिसके चलते इस संस्थान से कम्प्यूटर शिक्षा लेने वाले लाखों छात्रों की डिग्री पर भी संकट मंडराने लगा है। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए साल 2001 से 2004 के दौरान इंदिरा सूचना शक्ति स्कूल प्रशिक्षण के दौरान हुए 1.82 करोड़ रुपए के भुगतान पर विधानसभा की लोक लेखा समिति की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की है। आपत्ति के बाद शिक्षा विभाग ने आईसेक्ट को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल में कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करने जो अनुबंध किया गया था उसका आईसेक्ट (AISECT ) ने पालन नहीं किया था।
आईसेक्ट का है विवादों से नाता
ऑल इंडिया सोसायटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी आईसेक्ट (AISECT ) छत्तीसगढ़ में शुरुआत से ही विवादों में रहा है। सबसे पहले हजारों छात्रों को एडमिशन के दौरान झूठी जानकारी दी गई कि छात्रों को डिग्री इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी की प्रदान की जाएगी, लेकिन इग्नू ने इस जानकारी को सरासर रद्द करते हुए ये घोषणा की कि उसकी आइसेक्ट यूनिवर्सिटी के साथ ऐसी कोई डिल नहीं हुई।
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डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी की पेरेंटिंग इकाई
आइसेक्ट बिलासपुर कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी की पेरेंटिंग इकाई है। जो छात्रों को डिग्री बांटने का काम कर रही है। जिसके चलते कुलपति संतोष चौबे, रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला, उप रजिस्ट्रार नीरज कश्यप और पूर्व रजिस्ट्रार शैलेश पांडेय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस हो चुका है। बताया जा रहा कि मान्यता नहीं होने के बाद यूनिवर्सिटी से कई तकनीकी डिग्रियां बांटी जा रही थीं।
जिम्मेदार बचते नजर आए
आईसेक्ट छत्तीसगढ़ की मान्यता रद्द होने के मामले में जब संस्थान के जिम्मेदार अधिकारी महावीर उपाध्याय से बात करने की कोशिश की तो वो लगातार प्लीज टैक्स मैसेज का संदेश देते रहे। जिसके बाद हमने छात्रों के भविष्य को लेकर आगे क्या करेगी आईसेक्ट यूनिवर्सिटी तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।