Raipur. पूर्व ब्यूरोक्रेट अमन सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय से वह याचिका सुनवाई के अंतिम चरण में वापस ले ली है, जिसमें उन्होंने यह मांग की थी कि, उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ सरकार की एजेंसी द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए।इस याचिका को लेकर खबरें आईं कि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी है, लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से यह सूचना दी गई है कि याचिका सुनवाई के अंतिम चरण में वापस ले ली गई है।
राज्य की एजेंसी पर भरोसा नहीं
अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया था कि, राज्य की भूपेश सरकार की एजेंसी जो उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही है, वह एजेंसी विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार पूर्वाग्रह ग्रसित भावना रखती है। याचिका में यह आग्रह था कि, इस जांच को किसी केंद्रीय एजेंसी से कराया जाए।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की कोर्ट में हुई सुनवाई
इस याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ की पीठ ने सुनवाई की। इसके पहले कि सुप्रीम कोर्ट इस पर आदेश देती, याचिकाकर्ता अमन सिंह के अधिवक्ताओं ने याचिका वापस ले ली।
कौन हैं अमन सिंह
अमन सिंह डॉ रमन सिंह कार्यकाल में राज्य के सबसे प्रभावशाली अफसर माने जाते थे। डॉ. रमन सिंह सरकार के संकट मोचक और डॉ. रमन सिंह की सरकार के लगातार सत्ता वापसी के पीछे प्रमुख कारण और श्रेय अमन सिंह को दिया जाता है। लेकिन यही अमन सिंह मौजूदा भूपेश सरकार के समय सरकार की आंख की किरकिरी माने गए। अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में अपराध दर्ज किया गया। हालांकि यह एफआईआर हाईकोर्ट ने शून्य घोषित कर दी। लेकिन अपील में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच होनी चाहिए। उसके बाद एसीबी कार्यालय में दर्ज एफआईआर एक बार से विधिक रुप से सक्रिय हो गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अमन सिंह और उनकी पत्नी को अग्रिम जमानत भी दे दी है।