आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला- अमन सिंह पर चलेगा मुकदमा, बेल पर सुनवाई 6 मार्च को

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आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला- अमन सिंह पर चलेगा मुकदमा, बेल पर सुनवाई 6 मार्च को

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद कानूनी उलझन में फंसे पूर्व ब्यूरोक्रेट अमन सिंह की जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगी है। 6 मार्च, सोमवार को हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगी। बीजेपी शासनकाल में सर्वोच्च शक्तिशाली माने गए अमन सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले के तहत अपराध दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने इस केस को खारिज कर दिया था, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 1 मार्च को आदेश दिया कि,इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस आदेश के साथ ही रायपुर में दर्ज एफआइआर पुनः विधिक अधिकारिता के साथ सक्रिय हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि तीन हफ्तों का समय अमन सिंह को दिया कि वे इस संबंध में आवश्यक विधिक संरक्षण ले सकते हैं।





क्या है मामला? 





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आंख की सीधी किरकिरी बने अमन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय से एक पत्र एंटी करप्शन ब्यूरो को 24 फरवरी 2019 को भेजा गया, जिसमें प्राथमिक जांच क्रमांक 35/2019 के उल्लेख के साथ निर्देश था कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह के विरुद्ध नंबरी अपराध दर्ज कर सूचित करने के निर्देश थे। एसीबी ने अमन सिंह और उनकी पत्नी के विरुद्ध धारा 13(1)बी,13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर लिया। 





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FIR को अमन सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी





अमन सिंह और उनकी पत्नी के विरुद्ध अनुपातहीन संपत्ति होने के आरोप के साथ अमन सिंह के दिल्ली स्थित फ्लैट और भोपाल स्थित फ्लैट के उल्लेख के साथ—साथ उनकी पत्नी यास्मिन सिंह के नाम पर आरंग में जमीन खरीदे जाने का ब्यौरा इस एफआईआर में उल्लेखित है। इस FIR को अमन सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद इस FIR को खारिज कर दिया। इसके बाद इस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई ।





सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?





सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए। केवल इस आधार पर कि किसी अपराधिक मुकदमे के पीछे महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य हो तो वह दूषित नहीं हो जाता। निरीक्षण (जांच) जरूरी है। जांच पूरी होने पर पता चलेगा कि लोक सेवक के पास उसकी आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक संपत्ति है या नहीं है। भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में FIR के रद्द नहीं किया जाए जबकि वे जांच के प्रारंभिक चरण में हों। भले ही सत्तारूढ़ तंत्र के मजबूत हथियार के रुप में कुछ तत्व स्पष्ट हों।





सोमवार को जमानत पर सुनवाई 





सोमवार को अमन सिंह की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई है। यह स्पष्ट नहीं है कि कल ही सुनवाई होती है अथवा कल ही जमानत पर फैसला आ जाता है।



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