AMBIKAPUR. अस्पताल की लिफ्ट में करीब 1 घंटे तक फंसे रहे मरीज के परिजनों ने कलेक्टर को फोन लगाया तब तहसीलदार ने आकर लिफ्ट से मरीज को बाहर निकलवाया। जी हां लिफ्ट में मरीज के परिजनों के फंसने और प्रबंधन की लापरवाही का ये मामला अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है। जहां लिफ्ट अचानक बंद हो जाने के कारण करीब 4 लोग 1 घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे और उनकी जान मुश्किल में फंसी रही।
मरीज को देखने गए थे चारों लोग
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमसीएच बिल्डिंग के महिला वार्ड में मरीज को देखने 4 लोग हुए थे और वहां से लिफ्ट से होकर थर्ड फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर वापस आ रहे थे। तभी अचानक लिफ्ट खराब हो गई करीब 15 मिनट बाद जब इन्हें लिफ्ट में फसने का अंदेशा हुआ। तब इन्होंने लिफ्ट में टोल फ्री नंबर ढूंढने की कोशिश की मगर टोल फ्री नंबर भी नहीं था और नहीं कोई इमरजेंसी नंबर ऐसे में लोगों ने फरिश्तों को फोन करके कलेक्टर का नंबर ढूंढा और सीधे सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार को फोन लगाया।
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कलेक्टर की दखल के बाद लोगों को निकाला बाहर
इसके बाद कलेक्टर ने तहसीलदार और अस्पताल प्रबंधन को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए और जब प्रबंधन के साथ तहसीलदार मौके पर पहुंचे तब यहां टेक्नीशियन भी मौजूद नहीं था। ऐसे में टेक्नीशियन को बुलाने के बाद करीब डेढ़ से 2 घंटे का समय लग गया टेक्नीशियन के आने के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। मगर जिस तरह से अस्पताल में लगे लिफ्ट में मरीज के परिजनों के फंसने का मामला सामने आया है उसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
अस्पताल प्रबंधन मामले की कर रहा जांच
इधर अस्पताल प्रबंधक ने घटना पर कहा है कि मरीजों को लाने ले जाने के लिए उपयोग में लाया जाता है ऐसे में लोग यहां कैसे पहुंचे इसे लेकर भी अस्पताल प्रबंधन जांच की बात कह रहा है। मतलब साफ है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।