ईडी की गिरफ्त में एपी त्रिपाठी, महाराष्ट्र से पकड़ कर लाई ईडी, कोर्ट में कर रही पेश

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The Sootr
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ईडी की गिरफ्त में एपी त्रिपाठी, महाराष्ट्र से पकड़ कर लाई ईडी, कोर्ट में कर रही पेश

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. शराब घोटाले मामले में ईडी ने आबकारी विभाग के आयुक्त अरुण पति त्रिपाठी को मुंबई से गिरफ़्तार किया है। अरुण पति त्रिपाठी को ईडी ने विशेष अदालत में पेश करेगी। अरुण पति त्रिपाठी को ईडी ने शराब घोटाले मामले में सिंडिकेट का वह प्रमुख किरदार बताया है जो सीएसएमसीएल में पदस्थ कराया गया था, और फिर इसके ज़रिए घोटाले को अंजाम दिया गया। ईडी ने 14 दिनों की रिमांड माँगी थी लेकिन विशेष अदालत ने फौरी तौर पर तीन दिन की रिमांड दी है।



एपी त्रिपाठी पर ईडी का आरोप



प्रवर्तन निदेशालय का एपी त्रिपाठी पर जो आरोप है, उसके अनुसार घोटाले को अंजाम देने में सबसे अहम किरदार एपी त्रिपाठी थे। एपी त्रिपाठी कथित रुप से नकली होलोग्राम से लेकर हर वो संसाधन सिंडिकेट के लिए सुलभ बनाया जिससे कि 2000 करोड़ का घोटाला संभव हो पाया है।



कोर्ट ने तीन दिनों की दी रिमांड



 ईडी एपी त्रिपाठी की 14 दिनों की रिमांड माँगी थी। लेकिन कोर्ट ने तीन दिनों की रिमांड मंजूर की है। 



कौन है एपी त्रिपाठी



एपी त्रिपाठी मूलतः दूरसंचार विभाग सेवा के अधिकारी थे। वे डॉ रमन सिंह के समय छत्तीसगढ़ प्रतिनियुक्ति पर आए थे। उस समय भी इनकी सेवा आबकारी विभाग में ली गई थीं। भूपेश बघेल सरकार आने के बाद जबकि यह लगा कि एपी त्रिपाठी की रवानगी हो जाएगी, चकित करने वाले अंदाज में ए पी त्रिपाठी के रसूख में परिवर्तन आया। आबकारी विभाग के नीति नियंता के रुप में ए पी त्रिपाठी पहचाने जाने लगे। झारखंड में जबकि शराब को लेकर छत्तीसगढ़ की कंपनी विवादों में फँसी तब भी नाम एपी त्रिपाठी का आया था।



रायपुर पुलिस की व्यग्रता ने ध्यान खींचा



शराब मसले मसले पर, ईडी लगातार कार्यवाही कर रही है।इस मामले में आरोपियों की लगातार उपस्थिति कोर्ट में स्वाभाविक तौर पर होती रही है। फिर ये मसला रिमांड बढ़ाने का हो या फिर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का। कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले के समय भी यही आलम रहा, और पत्रकारों की लगातार मौजूदगी रही। लेकिन एपी त्रिपाठी को लेकर रायपुर पुलिस की व्यग्रता जैसी थी वैसी पहले नहीं देखी गई। मौक़े पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने न्यायालय परिसर के पाँचवें माले पर मौजूद पत्रकारों को यह कह दिया कि, वे पूरा परिसर ख़ाली कर दें। पुलिसकर्मियों से सवाल हुआ कि आख़िर ऐसा क्यों तो बता दिया गया कि यह डीजे के आदेश हैं।हालाँकि कोई लिखित आदेश पुलिसकर्मी दिखा नहीं पाए।इसके ठीक बाद जबकि न्यायालय ने ए पी त्रिपाठी को ईडी की रिमांड पर सौंपा और उन्हें ले ज़ाया जाने लगा तो पुलिस की ओर से यह प्रयास भी हुआ कि, कैमरे की लाईट से परेशानी ना हो।


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