RAIPUR. संसद भवन के लोकार्पण को लेकर किए जा रहे विरोध पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का शिलान्यास सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कैसे कराया? क्या उन्होंने राज्यपाल को न्यौता दिया था? वो संवैधानिक व्यक्ति नहीं है? ये लोग कौन से संवैधानिक व्यक्ति थे जो यहां विधानसभा का शिलान्यास करने आये थे? किस हैसियत से बोल रहे हैं कि हम बहिष्कार करेंगे? ये संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं जानते।
आग होती है तभी धुआं उठता हैः चंद्राकर
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पीएससी की चयन सूची पर जारी सियासत को लेकर कहा कि पीएससी की ओर से सीएम स्पष्टीकरण देंगे। बेरोजगारों के आरोप पर CM को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, पेपर खुलवा कर जांच करानी चाहिए, आग होती है तभी धुआं उठता है। लहर गिनकर पैसा कमाना है तो कोई छत्तीसगढ़ आकर सीख लें।
खरगे चाहते हैं कि मेरे 3-4 लोग मलाईदार विभाग में बैठें
वहीं दिल्ली में कांग्रेस की बैठक रद्द होने को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक के निवासी हैं। खरगे चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बन पाया, तो मेरे तीन चार लोग मलाईदार विभाग में बैठें। मलिकार्जुन खरगे के लिए छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण नहीं है।
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संसद भवन के लोकार्पण से पहले सीजी में ट्विटर वार तेज
बता दें कि संसद के नए भवन के लोकार्पण से पहले ही छत्तीसगढ़ में ट्विटर वार तेज हो गया है, दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एक-दूसरे पर खुलकर हमला बोल चुके है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए नंदकुमार साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि "28 मई को नए संसद भवन का लोकार्पण होना है, संसद भवन देश का संवैधानिक भवन है, इसलिए इस भवन का लोकार्पण देश के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति से कराएं। आप स्वयं लोकार्पण करने का लोभ संवरण करें।"
नकारात्मकता और कुंठा से दूर हो जाना चाहिए रमन सिंह जी
कांग्रेस नेता के इस पत्र के बाद से राज्य में सियासी वार-पलट वार हो रहे हैं। भूपेश बघेल ने डॉ. रमन सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, "स्मृति मनुष्य के जीवन संचालन के लिए आवश्यक है। यदि इसमें कमी आने लगे तो योग और प्राणायाम की शरण में तुरंत चले जाना चाहिए, नकारात्मकता और कुंठा से दूर हो जाना चाहिए रमन सिंह जी।"