RAIPUR. बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर की संस्था अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने चैलेंज किया था। अब छत्तीसगढ़ के बागेश्वर धाम के शिष्यों ने चैलेंज को स्वीकार कर लिया है। बागेश्वर के शिष्यों ने उन पर लगाए आरोपों को निराधार बताया है।
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बागेश्वर को समिति ने ये चैलेंज किया था
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और राष्ट्रीय संगठक श्याम मानव ने कहा था कि वीडियो में महाराज कह रहे हैं कि भूत बाधा की सवारी आती है, गंदी तांत्रिक क्रिया है। तबीयत ठीक नहीं रहती। तत्काल मृत्यु, अभी तक घर में 5 मृत्यु हुई है, पितृदोष के कारण....। पिता का नाम शंकरलाल है। माइक से बोले कि हम तुम्हारे सारे कांड खोल देंगे। वीडियो सामने आने के बाद 9 जनवरी को समिति ने महाराज को नाम, आयु, मोबाइल नंबर और दूसरे रूम में रखी 10 वस्तुओं का नाम बताने पर 30 लाख रुपए देने की चुनौती दी थी, लेकिन महाराज ने चुनौती स्वीकार नहीं की और 13 जनवरी तक चलने वाली कथा को दो दिन पहले 11 जनवरी को ही खत्म कर दी और नागपुर से चले गए।
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ये बोले धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है। बागेश्वर बालाजी पहले ही साबित कर चुके हैं। हम सिर्फ बागेश्वर बालाजी जी के सेवक हैं, जैसी प्रेरणा मिलती है, हम वैसा करते हैं। सभी कथाओं के समय को 2-2 दिन घटा दिया गया है। नागपुर में भी 2 दिन का दिव्य दरबार लगा था। 9 दिन की रामकथा के लिए ऑर्गनाइजर को पहले ही मना कर दिया था। इसलिए रामकथा सिर्फ 7 दिन तक की गई। रायपुर और टीकमगढ़ की कथा को भी 2-2 दिन के लिए कम किया गया है। गुरू जी का जन्मदिन है। इस वजह से कथा से 2-2 दिन कम कर रहे हैं।