नितिन मिश्रा, Raipur. कर्नाटक चुनाव में चल रही सियासती बयानबाज़ी का असर छत्तीसगढ़ में होने लगा है। पहले मोदी पर टिप्पणी के बाद अब बजरंग दल की तुलना PFI से करने के मसले को लेकर बीजेपी ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का प्रमाण और सनातन धर्म का अपमान बताया तो वहीं सीएम बघेल ने कर्नाटक की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में कार्यवाही की बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया। सीएम भूपेश ने दो टूक अंदाज में कहा कि, कर्नाटक का मसला कर्नाटक का है, वहाँ ऐसा कहा गया इसलिए यहाँ ऐसा होगा यह औचित्यपूर्ण बात नहीं है।सीएम भूपेश ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा मोदी शाह ने कर्नाटक में आधा लीटर दूध देने बोला तो मध्यप्रदेश में दे रहे हैं क्या, गुजरात में दे रहे हैं क्या ?
क्या कहा बीजेपी ने
बजरंग दल और पीएफआई पर कर्नाटक चुनाव के दौरान एक भाषण और घोषणा पत्र में कांग्रेस की ओर से बैन लगाने की बात कही गई। इस पर बीजेपी हमलावर हो गई। बृजमोहन अग्रवाल ने इसे सनातन धर्म और आतंकी संगठन से तुलना बताते हुए सनातन धर्म का अपमान बताया। कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति की प्रमाण बताया। बृजमोहन ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष सतीश के बयान का भी ज़िक्र किया और कहा कि, उन्होने हिंदू शब्द को ही बहुत गंदा बताया था। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“केरल में मुस्लिम लीग से गठबंधन किया तब पीएफआई पर प्रतिबंध की बात नहीं हुई।कांग्रेस ने उनके मुक़दमे वापस लिए। पीएफआई पर केंद्र सरकार टेरर फ़ंडिंग की वजह से प्रतिबंध लगा चुकी है।कांग्रेस यह बताए कि केरल में उनके नेताओं के मुक़दमे क्यों वापस लिए ?बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात करना कांग्रेस का घोषणा पत्र है यह धर्म निरपेक्ष कैसे हो सकता है ?भारतीय संस्कृति का अनादर कांग्रेस के डीएनए में है।”
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सीएम भूपेश का दो टूक अंदाज
कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाए जाने के मसले को लेकर जबकि सीएम भूपेश से यह सवाल हुआ कि क्या छत्तीसगढ़ में भी प्रतिबंध लगेगा तो सीएम भूपेश ने कहा
“वहाँ क्या हो रहा है इसके कारण यहाँ क्या होगा यह कोई औचित्य नहीं है। यहाँ के बजरंगियो ने गड़बड़ किया तो हमने ठीक कर दिया। वहाँ की समस्या के हिसाब से प्रतिनिधियों के हिसाब से जो सोचा है वह पदाधिकारियों ने जो सोचा है वह उसके हिसाब से वहाँ की बात है, वहाँ लागू हो गया तो यहाँ लागू करेंगे! वहाँ हो गया तो यहाँ करेंगे ये क्या है ? आधा लीटर दूध मोदी जी और शाह ने कर्नाटक में देने को बोला तो मध्यप्रदेश और गुजरात में दे रहे हैं क्या ? कर्नाटक की भाषा कर्नाटक में बोले हैं।यहाँ जरुरत पड़ी तो यहाँ भी सोचेंगे”