JAGDALPUR. बस्तर की बेटी ने एक बार फिर कमाल कर दिया है। इस बार एवरेस्ट फतह नहीं, बल्कि सम्मान पाकर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है। दरअसल माउंट एवरेस्ट की फतह करने वाली बस्तर की नैना सिंह धाकड़ लैंड एडवेंचर अवॉर्ड से नवाजी गई है। 30 नवंबर को रात राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नैना को यह पुरस्कार मिला है। नैना को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र समेत 15 लाख रुपए भी दिए गए हैं। ऐसा पुरस्कार छत्तीसगढ़ के खाते में पहली बार आया है।
हर साल एडवेंचर के क्षेत्र में दिया जाता है अवार्ड
केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने 2021 के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कारों की घोषणा की है। पुरस्कार हर साल एडवेंचर के क्षेत्र में दिया जाता है। इसमें लैंड एडवेंचर, वाटर एडवेंचर, एयर एडवेंचर और लाइफ टाइम अचीवमेंट ये चार श्रेणियां शामिल हैं। एडवेंचर के क्षेत्र में संबंधित व्यक्तियों की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में धीरज, जोखिम लेने, टीमवर्क और तुरंत सक्षम में प्रभावकारी कदम उठाने की भावना विकसित करने के और प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। नैना के अलावा शुभम धनंजय वनमाली को वाटर एडवेंचर और ग्रुप कैप्टन कुंवर भवानी सिंह सम्याल को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया है।
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इस कीर्तिमान के लिए मिला अवॉर्ड
दरअसल नैना सिंह धाकड़ बस्तर के एकटागुड़ा की रहने वाली हैं। नैना करीब 10 साल से पर्वतारोहण में सक्रिय हैं। नैना ने दुनिया की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट में करीब 8848.86 मीटर की चढ़ाई कर नया कीर्तिमान रचा था। इसके साथ ही दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी लोत्से पर 8516 मीटर की चढ़ाई की थी। नैना छत्तीसगढ़ की पहली बेटी है जिन्होंने इस कामयाबी को हासिल किया है। इन दोनों चोटियों पर तिरंगा लहराया था। साथ ही बेटी बचाव, बेटी पढ़ाओ का संदेश भी दिया था। छत्तीसगढ़ की इस धाकड़ बेटी को आज पर्वतारोही के नाम से भी जाना जाता है।