BHATAPARA.आरक्षण को लेकर विभिन्न समाजों में जद्दोजहद जारी है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र एक और दो दिसंबर को बुलाकर आरक्षण संसोधन विधेयक 2022 को पास करा दिया है। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरक्षण हो गया है। नए विधेयक के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अब आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण मिलेगा। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और ईडब्लूएस को 4 प्रतिशत को आरक्षण मिलेगा। अब आरक्षण में कटौती को लेकर सवर्ण समाज के लोग भी अब एकजुट होते हुए दिखाई दे रहे हैं। भाटापारा में आज सवर्ण समाज के लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने बाइक रैली निकालकर SDM कार्यालय पहुंचे और सरकार के इस फैसले के खिलाफ एवं सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
76 फीसदी वाला आरक्षण संशोधन विधेयक पास
भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा सवर्ण समाज के आरक्षण में कटौती की बात सवर्ण समाज को रास नहीं आई क्योंकि उनके 10 फीसदी आरक्षण में सीधे तौर पर 6 फीसदी आरक्षण की कटौती की गई है। 10 फीसदी आरक्षण पूरे में सवर्ण समाज के लिए मोदी सरकार ने लागू किया था। जो कि समाज के गरीब तबके के लोगों को ईडब्ल्यूएस के नाम से मिल रहा था। सवर्ण समाज के लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि यह सरकार सवर्ण समाज का विरोध करने वाली सरकार है। समाज ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले चुनाव में सरकार को इस फैसले का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बता दें कि विधानसभा में यह 76 फीसदी वाला आरक्षण संशोधन विधेयक पास हो गया है लेकिन इसे लेकर भाजपा नेता सरकार पर हमलावर रहे हैं। विधानसभा में भाजपा ने इस विधेयक में संसोधन का प्रस्ताव दिया था। इसमें सवर्ण समाज को 4 की जगह 10 फीसदी और अनुसूचित जाति को 13 की जगह 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन विपक्ष के प्रस्ताव विधानसभा में खारिज हो गया था।