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BILASPUR. अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक बार फिर हाथियों ने आतंक मचाया है। एटीआर से लगे एक गांव में घुसे हाथियों ने पांच मकानों को तोड़ दिया। लोगों ने भागकर अपनी और अपनों की जान बचाई। लेकिन, इसी बीच हाथियों के हमले से बचने के लिए भाग रही एक गर्भवती महिला जमीन पर गिर गई। इससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान उन्होंने हालात का जायजा लिया। साथ ही लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
इस इलाके में आते रहते हैं हाथी
टाइगर रिजर्व का ये इलाका हाथियों का स्थायी रहवास तो नहीं है, लेकिन जशपुर और सरगुजा के साथ ही कोरबा के जटगा पसान जैसे इलाके से हाथी इधर आ जाते हैं और कभी मध्य प्रदेश के जंगल में जाने के दौरान भी वे यहां से गुजरते हैं। तब वे इसी तरह का आतंक मचाते हैं। कभी मकानों को तोड़ते हैं तो कभी कोई व्यक्ति पास आ गया तो पटककर जान ले लेते हैं। फसलों को रौंदते हैं सो अलग। इससे पूरे इलाके में लोग दहशत में रहते हैं।
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वन विभाग की ओर से नहीं किया गया था अलर्ट
4 जनवरी बुधवार को उसी तरह की घटना हुई है। कुछ हाथियों का दल एक बार फिर विचरण करते हुए यहां आ गए। जिस गांव में ये हाथी घुसे वहां के लोगों को तब तक न वन विभाग की ओर से अलर्ट किया गया था और न विभागीय अमले को इसकी पूर्व सूचना ही थी। हाथी सीधे बस्ती में घुस गए। अचानक ही हाथियों के प्रवेश की जानकारी लोगों को हुई तो सभी को सतर्क कर दिया। इसके बाद हाथी एक एक कर मकानों को क्षतिग्रस्त करने लगे। कुल पांच मकानों को इन हाथियों ने तोड़ा है।
जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे लोग
हाथियों के उत्पात मचाने के बाद बच्चों और बुजुर्गों को लेकर लोग सुरक्षित ठिकाने की ओर भागने लगे। इसी दौरान एक बड़ी घटना हो गई। भागने के दौरान ही गांव की एक गर्भवती महिला जमीन पर गिर पड़ी। पेट के दबने से मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। स्थिति ये थी कि लोग दूसरे को बचाते या अपनी जान। अफरा-तफरी के बीच बाकी लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचे। हाथी भी जंगल की ओर चले गए। तब गांववाले वापस आए और वन विभाग के अफसरों को फोन कर घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे वन अफसरों ने हालात का जायजा लिया। इसके साथ ही मृत महिला के परिजनों को सहायता राशि देने की कवायद भी की जा रही है। वहीं अब मकानों को हुए नुकसान के लिए भी आंकलन करने के बाद क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
घुस गया दल, विभाग को सूचना तक नहीं
बहरहाल, लोग अब भी दहशत में हैं। साथ ही वन विभाग की इस नाकामी को लेकर नाराजगी भी है। उनका कहना है कि हाथी दल बनाकर सीधे आबादी क्षेत्र में घुस गए। इसके बाद भी उन्हें सूचना नहीं मिल पाई। समय रहते वे अलर्ट कर देते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। एक गर्भवती महिला के साथ ही उसके गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे की भी मौत हो गई। घरों को नुकसान हुआ सो अलग।