Raipur. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में हाईकोर्ट ने सिंहदेव को 11 अप्रैल तक अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसका माध्यम व्यक्तिगत रुप से या फिर अधिवक्ता के माध्यम हो सकता है। आपको बता दें कि पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली तनु नीर समिति ने टीएस सिंहदेव के खिलाफ रिट पिटीशन दाखिल की, याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिंहदेव ने तालाब को पाटकर जमीन बेचा है। याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
पूरे मामले में टीएस सिंहदेव ने क्या कहा?
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा "शिव सागर बांध का जो एरिया है ये हमारी पुष्तैनी जमीन है जो 1947 में भारत सरकार और सरगुजा राजपरिवार के बीच हुई सन्धि में उल्लेखित है। इस मामले में 2017 में इस जमीन की शिकायत तरु नीर समिति द्वारा राज्य सरकार से की गई थी। तब तत्कालीन कलेक्टर ने शिकायत खरिज करते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को दी थी। वर्ष 2018 में आलोक दुबे द्वारा एनजीटी जो की पर्यावरण के क्षेत्र में उच्चतम न्यायालय है, उसमें इसी मामले पर याचिका दर्ज की जिसमे उन्होंने तरु नीर की शिकायत का भी उल्लेख किया, वर्ष 2019 में एनजीटी ने इस मामले को खारिज किया एवं अपील को भी मेरिट पर खारिज करते हुए विवाद पर पुर्ण विराम लगाया। अभी न्यायालय में प्रकरण चल रहा है, तो तथ्यों पर कुछ कहना उचित नहीं होगा। शिवसागर बांध जिसे मौलवी बांध के नाम से जाना जाता है में तलाब के लैंड यूज़ को बदलने के मामले में एक पी आई एल तरुनिर के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जिसमे स्वास्थ्य मंत्री ने आपत्ति दाखिल कर उन्हें भी पक्ष बना कर सुनने का निवेदन किया था। इसी पर न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है।