BILASPUR. बिलासपुर में लगातार बढ़ती डॉग बाइट की घटनाओं को देखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। यहां डॉक्टर अस्पतालों में नहीं, बल्कि गली-मोहल्लों और सड़कों पर जाएंगे और मौके पर ही नसबंदी करेंगे। शहरवासी भी इस निर्णय से खुश हैं कि उन्हें इससे काफी राहत मिलेगी।
यह है पूरा मामला
ये डॉक्टर इंसानों के नहीं, बल्कि जानवरों के होंगे और वे नगर निगम का सहयोग करते हुए गली-मोहल्लों में घूमकर कुत्तों की नसबंदी करेंगे। इससे उनकी बढ़ती संख्या पर लगाम लगेगा। लगातार हो रही डॉग बाइट की घटनाओं को देखते हुए नगर निगम प्रबंधन ने ये निर्णय लिया है। दरअसल, यहां कोरोना महामारी के चलते कुत्तों का दो साल से बधियाकरण नहीं हो पाया था। इसके चलते कुत्तों की संख्या बढ़ती चली गई। अभी जो नगर निगम के कर्मचारियों ने संख्या निकाली है उसके अनुसार, निगम सीमा में आठ हजार 500 कुत्ते हो गए हैं। यही वजह है कि कुत्तों द्वारा काटने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
अस्पतालों में हर दिन औसतन 40 से 50 मामले आ रहे हैं। उनमें से अधिकांश शहर के रहने वाले होते हैं। छोटे बच्चों को लेकर खतरा ज्यादा होता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जो योजना बनाई है उसके अनुसार, अलग- अलग टीमें शहर के विभिन्न हिस्सों में जाएंगी। इसमें नगर निगम के कर्मचारियों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी रहेंगी। फिर मौके पर कुत्तों को पकड़कर उनका बधियाकरण यानी नसबंदी की जाएगी। इससे उनकी प्रजनन शक्ति खत्म हो जाएगी और वंशवृद्धि नहीं होने से आने वाले दिनों में संख्या बढ़ने की आशंकाओं को कम किया जा सकेगा।
20 लाख के फंड को मंजूरी
नगर निगम ने जो खाका तैयार किया है, उसके मुताबिक 20 लाख रुपए का फंड कुत्तों की नसबंदी के लिए अलग से निकाला गया है। इसमें दवाओं के साथ ही नसबंदी में लगने वाले चिकित्सा उपकरणों की खरीदी और पशु चिकित्सकों को भुगतान की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही वार्ड स्तर पर योजना बनाकर कुत्तों की धरपकड़ की जाएगी और फिर उनकी नसबंदी की जाएगी।