BILASPUR. जोनल स्टेशन के आस-पास के इलाके का बिलासपुर रेलवे प्रबंधन कायाकल्प करने जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी बाधा बापूनगर का इलाका है। ऐसे में रेलवे प्रबंधन ने पूरी बस्ती को हटाने का फैसला कर लिया है। वहां रहने वालों को खुद से हट जाने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दे दिया गया है। आपको बता दें कि इस बस्ती में 169 मकान हैं, जिनमें से अधिकांश झोपड़ीनुमा हैं।
यह है पूरा मामला
दरअसल, रेलवे के कायाकल्प की योजना के मुताबिक रेलवे एक नई सड़क बनाने जा रही है, जो 22 फीट चौड़ी रहेगी। इसके अलावा आजू—बाजू में कई निर्माण किए जाएंगे। ये नई सड़क इसी बापूनगर के बीच से गुजरेगी। यह सड़क चुचुहियापारा अंडरब्रिज से लेकर बापूनगर होते हुए हेमूनगर तक जाएगी। आपको बता दें कि एक दिन पहले गुरुवार को रेलवे का अमला यहां झोपड़ियों को हटाने के लिए पहुंच गया था। इस दौरान वहां के रहवासियों ने विवाद किया और कहा कि वे यहां सालों से रह रहे हैं और अपना जीवन—यापन कर रहे हैं। वे यहां से नहीं हटेंगे। यहीं रहकर वे काम करते हैं और अपना आशियाना बनाकर रहते हैं। यदि हटाया ही जा रहा है तो फिर हमारे रहने के लिए व्यवस्था की जाए। विवाद के बाद टीम बैरंग लौट गई थी। इसके बाद अफसरों ने गहन विचार—विमर्श किया, जिसके बाद तय किया गया कि बापूनगर के रहवासियों को 15 दिनों का अल्टीमेटम दे दिया जाए। उसके बाद भी यदि वे अपना मकान खाली नहीं करते हैं तो रेलवे पुलिस बल के साथ जाएंगे और जबरन उन्हें बाहर निकालकर उनका मकान तोड़ा जाएगा। इसके बाद शुक्रवार को इस संबंध में मोहल्लेवासियों को इसकी सूचना दे दी गई है। इधर, रहवासी अब भी कब्जा नहीं छोड़ने की बात कह रहे हैं।
इसलिए जरूरी है हटाना
इस संबंध में बिलासपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विकास कश्यप का कहना है कि सुगम आवागमन के लिए सड़क का बनना जरूरी है। बापूनगर के लोगों को पहले ही मोहलत दी जा चुकी है। लेकिन, उन्होंने खुद से कब्जा खाली नहीं किया। इसके बाद भी उन्हें 15 दिन का और समय दिया गया है। यदि वे नहीं माने तो अब तो जबरदस्ती ही खाली कराने का रास्ता बचा है। उन्होंने बताया कि सात मीटर चौड़ी और आधी किलोमीटर लंबी सड़क बनने से यात्रियों को रेलवे स्टेशन आना और जाना सुगम होगा।