BILASPUR. शहर के बीआर यादव इंडोर स्टेडियम बहतराई में अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी की मेजबानी में चल रही नेशनल लेवल इंटर यूनिवर्सिटी कराते चैंपियनशिप में बुधवार को जमकर बवाल मचा। यहां हरियाणा के गुरु काशी यूनिवर्सिटी के खिलाड़ियों और कोच ने न सिर्फ हंगामा मचाया, बल्कि तोड़फोड़ करते हुए खिड़की का शीशा चकनाचूर कर दिया। जब उनकी गुंडागर्दी हद से ज्यादा बढ़ गई तो पुलिस को बुलाना पड़ा। तीन खिलाड़ियों को हिरासत में ले जाकर बाद में छोड़ दिया गया। वहीं अब इस टीम को ही स्पर्धा से बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
स्टेडियम में आने से रोका तो हंगामा शुरू कर दिया
आपको बता दें कि बहतराई के इंडोर स्टेडियम में जहां मुकाबले चल रहे हैं तो इस कॉम्प्लेक्स के अलग-अलग कमरों में खिलाड़ियों को ठहराया गया है। तय नियम के अनुसार, एरिना में केवल कोच और खिलाड़ियों को ही जाने की अनुमति है। बुधवार को जब हरियाणा के गुरु काशी विश्वविद्यालय का मैच नहीं था और उस समय स्टेडियम में जगह भी नहीं थी, तब इस टीम के खिलाड़ी स्टेडियम में जबरदस्ती प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में आयोजकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। बस इसी बात को लेकर गुरु काशी विश्वविद्यालय के कोच और खिलाड़ियों ने हंगामा शुरू कर दिया।
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हंगामा मचाते हुए तोड़फोड़ पर भी की
वे यहीं नहीं रुके, हंगामा मचाते हुए तोड़फोड़ पर भी उतारू हो गए। उन्होंने खिड़कियों पर लगे शीशे को भी तोड़कर चकनाचूर कर दिए। उस समय मौके पर बतौर अतिथि बेलतरा विधायक रजनीश सिंह भी मौजूद थे। लिहाजा उनकी सुरक्षा को खतरा देखते हुए सरकंडा पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची सरकंडा पुलिस ने तोड़फोड़ कर रहे तीन खिलाड़ियों को एहतियात के दौर पर हिरासत में ले लिया। फिर उन्हें थाने लाया गया। यहां किसी तरह की कार्रवाई तो नहीं की गई। उन्हें समझाइश देकर छोड़ दिया गया।
समझाइश के बजाय समर्थन से आयोजन समिति नाराज
इतना सब कुछ होने के बाद भी खिलाड़ियों को रोकने के बजाय कोच भी उनका साथ दे रहे थे। इस बात को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय प्रबंधन और आयोजन समिति के पदाधिकारी पूरी टीम व मैनेजमेंट से काफी नाराज हो गए हैं। अब उन्होंने इस टीम को ही स्पर्धा से बाहर करने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है कि जिन खिलाड़ियों को मैदान में अपना दमखम दिखाना चाहिए, वे बाहर इस तरह की हरकतें कर अपनी ताकत दिखा रहे हैं। वहीं इस घटना के बाद व मामला थमने के बाद गुरु काशी यूनिवर्सिटी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।