Raipur. भानुप्रतापपुर उप चुनाव में BJP के प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर कांग्रेस की ओर से लगाए गए किशोरी से अनाचार और FIR की जानकारी छुपाए जाने के मसले पर बीजेपी ने आज पलटवार करते हुए पूरे मामले को ख़ारिज कर दिया है। बीजेपी ने इस मसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के खिलाफ रेप पीड़िता किशोरी का नाम सार्वजनिक करने का आरोप लगाते हुए चारामा थाने में पाक्सो एक्ट की धारा 23(2) के तहत अपराध दर्ज करने का आवेदन दिया है।
बीजेपी का दावा पीड़िता के नहीं बल्कि आरोपी के बयान पर कांग्रेस का आरोप टिका है
बीजेपी जो कल देर शाम तक जबकि पीसीसी चीफ़ मरकाम और मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील शुक्ला और वरिष्ठ प्रवक्ता आर पी सिंह की संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद चुप थी, आज पूरे तेवर में लौट आई है।बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर के हवाले से बयान जारी कर बीजेपी ने पूरे मामले को ख़ारिज किया है। बीजेपी का दावा है कि
“पीड़िता ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जमशेदपुर के समक्ष 164 के तहत जो बयान दर्ज कराया है,उसमें प्रत्याशी का नाम का उल्लेख नहीं है,FIR में भी प्रत्याशी का नाम नहीं है। मगर इस मामले में एक आरोपी द्वारा लगाए गए आरोप को आधार बनाकर कांग्रेस आरोप लगा रही है।”
BJP ने इस मसले पर ब्यौरा देते हुए आगे कहा है
“झारखंड प्रदेश के पूर्वी सिंहभूमि जिले के थाना टेल्को में भादवि की धारा 366 ए, 376, 376 (3), 376 एबी, 376 डीबी, 120 बी और धारा 4, 6 पाक्सो एक्ट की धारा 4, 5, 6, 7, 9 अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम अपराध क्रमांक 84/2019 दर्ज है। इसमें केवल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह मामला तीन साल से अभी तक विवेचनाधीन है। इस मामले में अब तक कोर्ट में चार्टशीट तक दाखिल नहीं हुआ है।जो जानकारी मिली है,उसके मुताबिक इस मामले में एक आरोपी के बयान पर भाजपा प्रत्याशी का नाम जोड़ा गया है, मतलब साफ है कि यह एक तरह का साजिश है, इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश भाजपा विधिक जानकारी जुटा रही है, वहीं विधिक सलाहकारों से राय भी ला जा रही है।”
भड़के बृजमोहन ने पूछा -कांग्रेस बताए ये काग़ज़ कहाँ से आए
भानुप्रतापुर उप चुनाव में BJP की ओर से चुनाव प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल ने पूरे आरोप को फ़र्ज़ी बताया है। उन्होंने सवाल किया है कि, जो प्रतिवेदन और कागजात सार्वजनिक किए गए हैं, वो कांग्रेस के पास कब और कैसे आए, कांग्रेस यह भी बता दे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है
“जो प्रतिवेदन बाँटा गया है, वह यदि सही है तो विवेचना का पत्र है, अदालत की संपत्ति है। पीसीसी चीफ़ मरकाम यह बता दें कि उन्हें यह काग़ज़ कैसे मिले,किसने दिए। यदि कांग्रेस को यह कथित घटना और अपराध की जानकारी थी तो पहले जबकि नामांकन दाखिल हुआ तो क्यों नहीं सार्वजनिक किए।”