RAJNANDGAON. चुनावी साल में बीजेपी-कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। इस बीच, बीजेपी सांसद ने सीएम पर निशाना साधा है। सांसद संतोष पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने किए वादों को आज तक पूरा नहीं कर पाई है और केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को दी जा रही केंद्रीय योजनाओं का लाभ भी जनता तक पहुंचने नहीं दे रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से प्रश्न करते हुए कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश में 16 लाख मकान बनाना था, लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने राज्यांश नहीं दिया। इसके कारण आज गरीब आशा में है कि प्रदेश सरकार उस राज्यांश को जल्द जमा करेगी। कब जमा करने वाले हैं कृपया उसकी भी तिथि बताएं।
कोल का पैसा कहा गया यह भी बताएं
संतोष पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़िया की बात कहकर के आप ने राज्यसभा में राजीव शुक्ला, केटीएस तुलसी, रंजीता रंजन को भेजा उन्हें हटा करके बस्तर और सरगुजा के लोगों के प्रतिनिधित्व कर देंगे क्या? उन्होंने अपना तीसरा प्रश्न करते हुए कहा कि जो कोल का पैसा 540 करोड़ रुपए तक घोटाला छत्तीसगढ़ में हुआ। इसमें आईएएस समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत आपके प्यारेलाल और यह रिश्ता क्या कहलाता है सौम्या चैरसिया जेल के अंदर हैं। 5000 पेज का चार्जशीट कोर्ट में पेश किया है आप वह धन छत्तीसगढ़ के खजाने में कब लाने वाले हैं और इधर-उधर की बात ना कर कोल का पैसा कहा गया यह भी बताएं।
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इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बोले- झूठी वाहवाही लूट रही सरकार
वहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद अरुण साव ने कहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार की ओर से किए जाने वाले भुगतान को लेकर राज्य सरकार ने आंकड़े जारी करने की चुनौती स्वीकार नहीं की। क्योंकि राज्य सरकार ने भ्रामक जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता को सत्य बताने की हिम्मत नहीं जुटा सकी तो उन्होंने राष्ट्रीय परिपेक्ष की जगह राज्य के आंकड़े जारी किए हैं।
धान खरीदी के सोलह आने में से मात्र 1 आना राज्य सरकार दे रही है
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने फिर एक चुनौती दी है कि कांग्रेस में दम है तो बताए कि धान का कितना पैसा उन्होंने किसानों को दिया और उसी धान से बना चावल खरीदकर केंद्र ने कितना पैसा दिया? उन्होंने कहा कि आंकड़े जारी किए तो मालूम हो जाएगा कि धान खरीदी के सोलह आने में से मात्र 1 आना राज्य सरकार दे रही है। केंद्र सरकार धान खरीदी के लिए बारदाने से लेकर परिवहन तक सभी व्यय वहन करती है।