Raipur। रैली धरना प्रदर्शन पर गृह विभाग के द्वारा लागू नई व्यवस्था सूबे में सियासी मुद्दा बन गई है।भाजपा ने बेहद आक्रामक तेवर दिखाए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसकी तुलना आपातकाल से कर चुके हैं। बयान के बाद अब भाजपा ने इस व्यवस्था को योजनाबद्ध तरीक़े से मुद्दे में बदलने की तैयारी कर ली है। भाजपा की योजना है कि, पाटन जो मुख्यमंत्री बघेल का गृह और निर्वाचन क्षेत्र है वहाँ पर धरना देकर आंदोलन की शुरुआत करेगी और इसे प्रदेशव्यापी बना देगी।भारतीय जनता पार्टी इस व्यवस्था को लोकतान्त्रिक व्यवस्था और संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताते हुए लोगों के बीच तो जाएगी ही साथ ही हाईकोर्ट भी जा रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने रैली धरना प्रदर्शन पर लागू नई व्यवस्था की तुलना रौलेट एक्ट से करते हुए इस नई व्यवस्था को भूपेश एक्ट का नाम देते हुए कहा है
“ये नियम कांग्रेस की हताशा का परिणाम हैं,अंग्रेजों के समय भारतीयों की आवाज़ दबाने के लिए रौलेट एक्ट बना,इसके तहत लोगों के इकट्ठा होना प्रदर्शन करना अपराध था वहीं हालात भूपेश सरकार ने निर्मित कर दिए थे,कांग्रेस यह भूपेश एक्ट वापस ले वर्ना धरना प्रदर्शन की शुरुआत पाटन से करेंगे।छत्तीसगढ़ के इस कांग्रेस शासनकाल में अभिव्यक्ति को कुचला जाना दमनकारी कृत्य है जिसे जनता नहीं भूलेगी”
बेहद तीखे तेवर के साथ भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ट्वीट किया है। ट्वीट के साथ धरना प्रदर्शन रैली को लेकर कांग्रेस सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश की कॉपी को ट्वीट करते हुए अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के संगठन प्रभारी पी एस पुनिया को टैग करते हुए लिखा है