नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नगर निगम का बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि नगर निगम अधिकारियों ने महापौर को अंधेरे में रखते हुए विज्ञापन एजेंसियों से मिलीभगत की और जिधर मन आया वहीं विज्ञापनों के होर्डिंग तान दिए। यहां तक कि बिना जनप्रतिनिधियों को सूचना दिए अधिकारियों ने रातोंरात एक चौराहा भी बनवा दिया। इसके लिए बकायदा टेंडर भी निकाला गया जिसकी भनक महापौर, किसी पार्षद या जिला कलेक्टर को लगने दी गई।
मेयर ने खुद पकड़ा घोटाला
निगम के अधिकारियों की इस कारगुजारी की पोल खुद महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ी है। उनका कहना है कि मेरी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर निकाले, मनमाने ढंग से रेट दिए। माता सुंदरी स्कूल के पास चौराहे का निर्माण किसने कराया, ठेकेदार कौन है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी गई। जाहिर है इसमें भी मिलीभगत की गई। महापौर के मुताबिक घोटाला करीब 27 करोड़ रुपयों का है। महापौर ढेबर ने दो टूक कहा है कि होर्डिंग घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, एफआईआर करवाई जाएगी साथ ही अवैध चौराहे को तोड़ने का भी आदेश दे दिया गया है।
- यह भी पढ़ें
मनमाने ढंग से बढ़ाया होर्डिंग साइज
दरअसल मेयर एजाज ढेबर ने गुरूवार को एमआईसी की बैठक ली थी, बैठक के बाद मेयर बोले कि जांच में पाया गया है कि अभी जो होर्डिंग लगे हैं उनमें अनियमितता पाई गई है। जिसे मन चाहा ठेका दे दिया गया। 15 बाई 9 की साइज को बिना किसी की स्वीकृति लिए 18 बाई 18 कर दिया गया। रेट भी मनमाने ढंग से लगाए गए, जबकि इस सबका प्रस्ताव एमआईसी से पास होना चाहिए था। बिना जानकारी दिए शहर में बेतरतीब होर्डिंग्स और यूनिपोल लगा दिए गए। महापौर बोले कि मैं भी चाहता हूं कि निगम का राजस्व बढ़े लेकिन यहां तो सब कुछ एड एजेंसी के मनमाफिक काम कर दिया गया। जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
अचानक से बन गया चौराहा
वहीं शहर में स्थित माता सुंदरी स्कूल के पास अचानक से एक चौराहे का निर्माण किया गया है। लेकिन यह चौक कौन बनवा रहा है, किसके निर्देश पर बन रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। चौक में काले रंग के ग्रेनाइड के पत्थर लगे हुए हैं जो दुर्घटना की वजह बन सकते हैं। हालांकि MIC की मीटिंग में चौक को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
हादसा हुआ तो कौन लेगा जिम्मेदारी
महापौर अधिकारियों की इस हरकत से बेहद खफा हैं, उन्होंने कह दिया है कि 27 करोड़ का जो घोटाला किया गया है उसकी पाई-पाई वसूली जाएगी। संतुष्टि नहीं मिली तो लोकायुक्त भी जाएंगे। मामला शहर की जनता की सुरक्षा से जुड़ा है। अगर कल कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदारी लेगा। डिफाल्टर कंपनियों को काम दे दिया गया। अधिकारियों ने कागजों में हेरफेर की। सीएम से शिकायत करना पड़ी तो वह भी करेंगे। टेंडर भी रद्द किए जाएंगे और घोटाले की रकम दोषी अधिकारियों से वसूली जाएगी।
महापौर के जन्मदिन के बाद निकाले जायेंगे होर्डिंग
बता दें दो दिन पहले महापौर ऐजाज़ ढेबर का जन्मदिन था। पूरे शहर में ढेबर के समर्थकों ने शहर में स्थित चौक- चौराहों पर होर्डिंग लगाई थी। वहीं शहीद विद्याचरण शुक्ल चौक को होर्डिंग्स से चारो ओर से ढक दिया गया था। लगभग हर चौराहों का यही हाल अभी भी है। लेकिन अब जन्मदिन पूरा होने के बाद महापौर एक्शन मोड़ में नजर आ रहें हैं और होर्डिंग्स पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।